14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भाकपाझ्रमाले ने अगिआंव, तरारी और काराकाट में छात्र व किसान नेताओं को मैदान में उतारा

भाकपा–माले ने अगिआंव, तरारी और काराकाट में छात्र व किसान नेताओं को मैदान में उतारा तीनों सीटें भाकपा–माले के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गयी है जेल में रहते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ रहें हैं मनोज मंजिल विधानसभा में विधायक दल के उपनेता रहें राजाराम सिंह भी हैं मैदान में संवाददाता, पटना भाकपा–माले ने […]

भाकपा–माले ने अगिआंव, तरारी और काराकाट में छात्र व किसान नेताओं को मैदान में उतारा तीनों सीटें भाकपा–माले के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गयी है जेल में रहते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ रहें हैं मनोज मंजिल विधानसभा में विधायक दल के उपनेता रहें राजाराम सिंह भी हैं मैदान में संवाददाता, पटना भाकपा–माले ने इस बार कई इलाकों में छात्र और किसान नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है. अगिआंव (सु.) सीट से माले ने मनोज मंजिल को टिकट दिया है. वे आइसा के नेतृत्व में चलने वाले बिहार के क्रांतिकारी छात्र–युवा आन्दोलन की उपज हैं, वहीं माले ने तरारी से किसान आंदोलन के चर्चित नेता सुदामा प्रसाद को मैदान में उतारा है. काराकाट से पार्टी ने अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव सुदामा प्रसाद को टिकट दिया है. तीनों सीटें भाकपा–माले के लिये प्रतिष्ठा की सीट बन गयी है. अगिआंव (सु.) सीट से दलित समुदाय से आने वाले मनोज मंजिल भाकपा–माले से संबद्ध आइसा के नेतृत्व में चलने वाले बिहार के क्रांतिकारी छात्र–युवा आन्दोलन की उपज हैं. भोजपुर के अगिआंव क्षेत्र में मजदूरों व किसानों के बीच उनकी मजबूत पकड़ है. उन्होंने मजदूरी, बिजली, सड़क निर्माण, किसानों के धान की बकाया वसूली के सवाल पर कई आंदोलन चलाए हैं. नामांकन के दौरान ही उनकी गिरफ्तारी हो गयी. अब वे जेल में रहते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ रहें हैं. हाल फिलहाल में उन्होंने सोन के आधुनिकीकरण के साथ – साथ किसानों के अनेक सवालों को ले कर कई लड़ाइयों का संचालन किया. पूर्व में भी वे पार्टी की ओर से लोकसभा व विधानसभा के कई चुनाव लड़ चुके हैं.काराकाट से माले ने पटना विश्वविद्यालय के चर्चित छात्र नेता रहे राजाराम सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. 1995 से लेकर 2005 तक उन्होंने ओबरा विधानसभा से भाकपा माले का प्रतिनिधित्व किया और विधानसभा में विधायक दल के उपनेता भी रहे.बिहार में छात्र आन्दोलन और फिर किसान आंदोलनों की नेतृत्वकारी भूमिका में उनका बड़ा योगदान रहा है. न्याय के सवाल के साथ–साथ सोन नहर के आधुनिकीकरण , कदवन जलाशय परियोजना और किसानों की समस्याओं को लेकर भी उन्होंने कई लडाइयां लड़ी हैं. वे भाकपा माले राज्य कमिटी के सदस्य रहे हैं और वर्त्तमान में वे पार्टी की केंद्रीय कमिटी के सदस्य और अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें