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मुख्यमंत्री बनने की न मेरी इच्छा, न ही मेरे पास समय : शत्रुघ्न सिन्हा

पटना : भाजपा में मुझे ‘राजनीतिक-विलेन’ के रूप में पेश करने की किसी की औकात नहीं है. मेरा व्यक्तित्व ही मेरी पहचान है. उक्त बातें गुरुवार को सांसद व सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने कही. वे एक टीवी चैनल के ‘किसका-बिहार’ कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का मुख्यमंत्री बनने […]

पटना : भाजपा में मुझे ‘राजनीतिक-विलेन’ के रूप में पेश करने की किसी की औकात नहीं है. मेरा व्यक्तित्व ही मेरी पहचान है. उक्त बातें गुरुवार को सांसद व सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने कही. वे एक टीवी चैनल के ‘किसका-बिहार’ कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का मुख्यमंत्री बनने की न उनकी कोई इच्छा है, न इसके लिए उनके पास समय है.
पार्टी से भी इस मामले में वे कोई अपेक्षा नहीं करते कि भावी सीएम के रूप में उन्हें वह प्रोजेक्ट करे. हालांकि खुद को भावी सीएम की दौड़ से बाहर होने से उन्होंने साफ-साफ इनकार भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि पिक्चर अभी बाकी है. उन्होंने माना कि बिहार के सबसे बेहतर सीएम रामविलास पासवान हो सकते हैं.
उन्होंने बिहारी बाबू की भाजपा छोड़ने संबंधी कयासों को भी सिरे खारिज किया. उन्होंने कहा कि भाजपा उनकी पहली और आखिरी पार्टी होगी. पार्टी लाइन से अलग हो कर दिये गये अपने बयानों पर उन्होंने कहा कि बयान देते वक्त मैं मर्यादा का पालन करता हूं.
मेरी कोशिश रहती है कि लक्ष्मण-रेखा पार न करूं. मैं कभी-कभी कुछ बोलता हूं, तो छोटे मन वाले कुछ लोगों को तकलीफ होती है.
सच तो यह है कि वे बिहार भाजपा के लीडरशीप को दर्पण दिखाने का काम करते हैं. इसीलिए कहता हूं कि ज्यादा इतराने की जरूरत नहीं, क्योंकि पार्टी को बहुत आगे जाना है. उन्होंने खुद को न खुदगर्ज कहा, न शागिर्द. उन्होंने खुद को ‘धरती-पुत्र’ कहा.
उन्होंने नीतीश कुमार को सबसे काबिल और योग्य नेता मानने से इनकार नहीं किया, किंतु उन्होंने सबसे बेहतर सीएम शिवराज सिंह चौहान को करार दिया. उन्होंने पटना में फिल्म सिटी बनाने की नीतीश कुमार की घोषणा की जम कर तारीफ की और कहा कि इससे बिहार के युवाओं को रोजगार मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सिर्फ नीतीश कुमार से ही नहीं, बल्कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और स्व. ज्योति बसु से भी उनके अच्छे संबंध रहे हैं. मेरी माता श्री का देहांत होने पर सबसे पहले लालू-राबड़ी ही मुझे सांत्वना देने घर आये थे.
बिहार चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारकों में इस बार उनका नाम शामिल न होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने इसकी जरूरत नहीं समझी होगी. मैं स्टार प्रचारक होने से कहीं ज्यादा बिहार के विकास को ले कर फिक्रमंद हूं. बिहार मेरी कमजोरी भी है और मजबूती भी. फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ा स्टार प्रचारक और कौन हो सकता है?
बिहार में डीएनए संबंधी विवाद पर उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल न होता, तो अच्छा होता. किसी को भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिससे कोई मर्माहत हो. उन्होंने स्वीकार किया कि नमो सरकार में उन्हें मंत्री पद न दिये जाने से उनके प्रशंसक व समर्थक नाखुश हैं.
मैं नाखुश नहीं हूं. मैं अपने प्रशंसकों को कहता हूं, किसी को मंत्री बनाना, न बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्हें यह भी कहता हूं कि अच्छे दिन आनेवाले हैं. उन्होंने अब-तक का सबसे बेस्ट प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को करार दिया, जबकि स्टार प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को बताया.

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