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महिला हिंसा के मामले में पटना जिला अव्वल
अनुपम कुमारी पटना : बात चाहे छोटे शहरों की हो या फिर बड़े शहरों की, पढ़े-लिखे लोगों की हो या अनपढ़ की, महिला हिंसा हर जगह व्याप्त है. इसका असर यह है कि आज महिला हिंसा के मामले में पटना का सूबे में पहला स्थान है, जबकि दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर है. जी हां, महिला […]
अनुपम कुमारी
पटना : बात चाहे छोटे शहरों की हो या फिर बड़े शहरों की, पढ़े-लिखे लोगों की हो या अनपढ़ की, महिला हिंसा हर जगह व्याप्त है. इसका असर यह है कि आज महिला हिंसा के मामले में पटना का सूबे में पहला स्थान है, जबकि दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर है.
जी हां, महिला हेल्पलाइन के आंकड़ों के अनुसार बिहार की राजधानी पटना में अब तक 3733 हजार मामले दर्ज किये गये. वहीं, मुजफ्फरपुर में इसकी संख्या 3328 है. तीसरे नंबर पर 2166 मामलों के साथ गया और चौथे नंबर पर 2049 के साथ भागलपुर है. आंकडों से साफ है कि महिला हिंसा न केवल बड़े शहरों में हो रही है, बल्कि छोटे-छोटे शहरों में भी पैर पसार रही है. इससे पीड़ित महिलाएं अब इसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं. घरेलू हिंसा के सबसे अधिक मामले हेल्पलाइन के तहत बिहार भर में 36,321 मामले दर्ज किये गये.
इनमें 28,288 मामलों का निष्पादन किया गया है. वहीं, 8684 मामलों में कार्रवाई जारी है. इनमें घरेलू हिंसा के मामले सबसे अधिक 20103 हैं. दूसरे नंबर पर दहेज प्रताड़ना के 4278 मामले है.
हिंसा के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके लिए विभाग की मदद से सभी जिलों में हेल्पलाइन केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. इसके जरिये 80 फीसदी मामले काउंसेलिंग के जरिये निष्पादित किये जा रहे हैं.
रूपेश कुमार सिन्हा, परियोजना निदेशक, महिला विकास निगम
हिंसा के प्रति अब महिलाएं जागरूक हुई. समाज से हट कर महिलाएं इसका विरोध कर रही हैं. इसके लिए वे काउंसेलर की मदद से कई निजी मामलों में आयी दरार और दूरियां भी समाप्त कर रही हैं. पटना के अलावा
जहां लोग शिक्षित व जगारूक हैं, वहां इसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं.
प्रमीला कुमारी, अध्यक्ष, महिला हेल्पलाइन
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