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सीएम हताशा में कर रहे हैं घोषणाएं : नंदकिशोर यादव
नंदकिशोर यादव ने सीएम की घोषणा पर की टिप्पणी पटना : विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने अगले पांच साल के विजन के नाम पर जो हवा-हवाई घोषणाएं की हैं , उसमें सिर्फ हताशा दिखती है. दो साल के भीतर नीतीश कुमार घोषणाओं की सेंचुरी पार कर चुके […]
नंदकिशोर यादव ने सीएम की घोषणा पर की टिप्पणी
पटना : विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने अगले पांच साल के विजन के नाम पर जो हवा-हवाई घोषणाएं की हैं , उसमें सिर्फ हताशा दिखती है. दो साल के भीतर नीतीश कुमार घोषणाओं की सेंचुरी पार कर चुके हैं, लेकिन एक भी घोषणा अमल में नहीं ला सके . वे 10 साल से मुख्यमंत्री हैं और सवा दो साल से तो अपने नए साथियों से मिलकर ही सरकार चला रहे हैं, फिर उन्हें विजन लागू करने से किसने रोक रखा है.
मुख्यमंत्री अगर ये कहे कि वो काम तब करेगा, जब दोबारा सत्ता में आएगा तो ये अजीबो-गरीब है. उनके पास योजनाएं भी हैं, फंड भी है, सरकार भी है, फिर भी सारा काम ठप क्यों है. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तथाकथित विजन का ऐलान किया है, वो पुरानी योजनाओं और घोषणाओं को पूरा करने में उनकी नाकामी ही दिखाती है. पांच साल में घर-घर बिजली पहुंचाने की घोषणा कर रहे सीएम साहब ये तो बताएं कि बिजली नहीं तो वोट नहीं मांगेंगे की उनकी घोषणा का क्या हुआ. 2012-13 की तुलना में 2013-14 में सड़क निर्माण 28 फीसदी घट गया और अब कह कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जो गांव बचेंगे, वहां सड़क बनवाएंगे.
70 फीसदी सरकारी स्कूलों तक में तो शौचालय बनवा नहीं पाए, अब हर घर में शौचालय बनवाने की बात कर रहे हैं. मेडिकल व इंजीनियरिंग कालेज, खोलने की मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर कहा कि ये सद्बुद्घि अब क्यों आ रही है. पहले तो प्राथमिक से लेकर उच्चतर शिक्षा तक को चौपट करके रख दिया. दो साल में एक स्कूल में एक कमरा तक नहीं बनवा पाए और अब शिक्षा, रोजगार याद आ रहा है. प्रधानमंत्री ने जब बिहार के सवांर्गीण विकास के लिए पैकेज की घोषणा कर दी, हर क्षेत्र के विकास के लिए योजनावार राशि का आवंटन कर दिया, उसके बाद मुख्यमंत्री को युवाओं का ख्याल आने लगा. नौकरियों में महिला आरक्षण की बात कर रहे हैं और आंगनबाड़ी की महिला सेविकाओं-सहायिकाओं को पुलिस से पिटवाते हैं. बिहार की जनता सारा खेल समझ रही है और वो चुनावी विजन के झांसे में नहीं फंसने वाली है.
‘मिशन मोड’ मुंगेरी लाल के हसीन सपने जैसा : मंगल
पटना. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ‘मिशन मोड’ मुंगेरीलाल के हसीन सपने से कम नहीं है. अपनी राजनीति का अंत देख जनता को छलने की एक नयी साजिश है. पांडेय ने आज यहां कहा कि अपना राजनीतिक अवसान निकट देख नीतीश कुमार ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रहे हैं. लेकिन ‘मिशन मोड’ तो शुद्ध रूप से उनका व्यक्तिगत ख्याल है, ठग विद्या का एक नया अध्याय है.
जनता अब विश्वासघाती, धोखेबाज और ठगों के गिरोह से पूरी दूरी बना चुकी है. सत्ता परिवर्तन का मूड बना चुकी जनता को अब और ठगना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का ‘मिशन मोड’ 2010 में दूसरी बार सत्तासीन होने के बाद अगले पांच वर्ष के लिए निर्धारित सुशासन के कार्यक्रम (2010-2015) की नकल है. सुशासन का कार्यक्रम तो कार्यान्वित हुआ नहीं और इसी को आधार बनाकर नीतीश कुमार ने मिशन मोड के नाम से एक नया जुमला फेंका है. नीतीश कुमार ने अपने मिशन मोड में जो कुछ भी कहा वह छायावादी लय में रहा. चंद दिनों में ही आचार संहिता लागू होने के पूर्व नीतीश कुमार के बोल की परिभाषा जनता अच्छी तरह से समझ चुकी है.
प्रधानमंत्री द्वारा बिहार को दिये गये 1़.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज से बुरी तरह विचलित नीतीश कुमार ने अपने ‘मिशन मोड’ के जरिये लगभग 88 हजार करोड़ रूपये का ख्याली पुलाव जनता के बीच परोसा है. विधानसभा चुनाव में जनता उनके इस प्रपंच का परदाफाश कर देगी.
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