पटना़ : हर दिन कोसी, घाघरा, बूढ़ी गंडक, गंडक, गंगा और महानंदा के खतरे का निशान पार होते देख, जल संसाधन विभाग ने 79 अभियंता और कर्मचारियों की छुट्टियां 31 अक्तूबर तक रद्द कर दी है. जल संसाधन विभाग ने केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 79 अभियंता-कर्मचारियों को लगाया है.
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाये गये अभियंता-सहायकों को 24 घंटें काम करना पड़ रहा है. जल संसाधन विभाग ने केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में तैनात किये गये अभियंता व कर्मचारियों को सिर्फ एक छूट दी है, उन्हें आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में काम करना होगा.
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में तैनात अभियंता और सहायकों को आपात स्थिति में ही छुट्टियां मिलेगी. छुट्टियां लेने के लिए उन्हें नियंत्रण कक्ष के प्रभारी के साथ-साथ विभाग के प्रधान सचिव से अनुशंसा करानी होगी.
इस बार केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में जल संसाधन विभाग ने बाढ़ सुरक्षा के कई विशेषज्ञ इंजीनियरों को तैनात किया है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में विभाग ने बांध सुरक्षा, गेट रुपांकण, नहर रुपांकण, प्रजेक्ट ऑपरेशन और विज्ञान विशेषज्ञों को 31 अक्तूबर तक तैनात किया है. विशेषज्ञों को भी हर दिन आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में काम करना होगा. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में विशेषज्ञों के काम करने के अलग-अलग शिड्यूल भी तय कर दिये हैं. जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने वैसे 11 जिले, जहां हर वर्ष बाढ़ की आशंका बनी रहती है, वहां बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराने के लिए भी अलग टीम बनायी है. इस टीम को भी केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे तैनात रहने का निर्देश दिया गया है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष को बाढ़ सुरक्षात्मक साधनों से भी लैस किया गया है. जल संसाधन विभाग ने बाढ़ संघर्षात्मक कार्य सिर्फ दिन में ही नहीं, बल्कि रात में भी चलाने का निर्णय लिया है.