पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पंचायती राज विभाग की 251 करोड़ की लागत से 295 पंचायत सरकार भवनों का उद्घाटन व लोकार्पण किया. सीएम सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पंचायतों का जब अपना भवन हो जायेगा तो सत्ता का विकेंद्रीकरण होगा और इसी समय में सत्ता जनता के हाथ में आयेगी. पंचायतों को राज्य सरकार और अधिकार देने जा रही है.
इसके लिए नियमावली बना रही है. पंचायतों को कर वसूली का भी अधिकार दिया जायेगा. इससे उन्हें आमदनी भी होगी. केंद्र और राज्य की सरकार की तर्ज पर पंचायत की सरकार भी काम करेगी. पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए सरकार काम कर रही है और पूर्व में 65 समेत 360 पंचायतों में ‘पंचायत सरकार भवन ’ का निर्माण हो चुका है, जबकि 191 का काम लगभग पूरा है और करीब साढ़े आठ सौ का निर्माण हो रहा है. बाकी जो पंचायत हैं वहां फेज वाइज पंचायत सरकार भवन निर्माण का काम शुरू होगा. साथ ही निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख की अनुग्रह राशि दी जायेगी.
पंचायत भवन में बैठेंगे मुखिया, सरपंच और राजस्व कर्मचारी : पंचायत भवन में मुखिया, सरपंच, पंचायत सचिव समेत राजस्व पदाधिकारी भी बैंठे, इसकी शुरुआत की गयी. मुखिया ही अपने इस भवन में स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहरायेंगे. समारोह में ‘पंचायत सरकार भवन’ पुस्तिका का लोकार्पण किया गया. इस मौके पर विकास आयुक्त एस के नेगी, पंचायती राज के प्रधान सचिव सुधीर कुमार राकेश, योजना विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा समेत अन्य मौजूद थे.
ग्राम पंचायत में खुले बैंक की शाखा : सीएम ने कहा कि ग्राम पंचायतों में बैंकों की शाखा खुले इसके लिए उन्होंने बैंकर्स कमेटी की बैठक कई बार प्रस्ताव रखा है. राज्य सरकार पंचायत भवन में ही बैंक के लिए जगह देगी. इससे लोगों को पंचायत के अंदर ही राशि जमा करने और निकालने में आसानी हो सकेगी.
पंचायतों को किया जायेगा कंप्यूटरीकृत : पंचायती राज मंत्री विनोद यादव ने कहा कि पंचायतों को कंप्यूटरीकृत किया जायेगा. प्रखंड कार्यालयों में जो कुछ भी सुविधाएं हैं वह पंचायतों में उपलब्ध करायी जायेगी. ग्राम पंचायत स्तर पर भी न्यायालयों को और मजबूत किया जायेगा.
पंचायतों का अपना सचिवालय : योजना विकास सह शिक्षा मंत्री पी. के. शाही ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की तर्ज पर पंचायतों का भी अपना सचिवालय बने इसी तर्ज पर काम शुरू हुआ. पंचायत न्यायालय गठन व लोगों की सहायता के लिए न्याय मित्र तक बनाये गये. पंचायतों को सशक्त करने का उपयोगी कदम है.
मिलेंगे फर्नीचर के पैसे
मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग से कहा कि भवनों का उद्घाटन कर दिया गया है, अब इसके मेंटेनेंस के लिए भी अपने बजट में प्रावधान करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन तो बन गये, अब जो फर्नीचर है, वह भी जल्द खरीदे जाये. इसकी चहारदीवारी भी बनायी जाये. कोई भी चीज अगर सुंदर है, तो बिना रखरखाव के वह बदसूरत हो जाती है.
महिलाओं को दिया आरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी 2006 में पंचायत चुनाव में महिलाओं को पचास फीसदी आरक्षण का लाभ दिया गया. इसे दूसरे राज्यों ने भी लागू किया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ शादी, समारोह, मेला में घर से निकलने वाली महिलाएं अब हर दिन घर से निकल रही हैं और जन सरोकार से काम में जुड़ गयी हैं. इसके बाद लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया गया.
स्थिति यह है कि हाइ स्कूल में लड़का-लड़की के बीच मात्र 12 हजार का अंतर रह गया है. वर्ल्ड बैंक ने भी पंचायतों के अपना भवन के कांसेप्ट की सराहा था. इसके बाद ग्राम पंचायत के साथ-साथ न्याय पंचायत स्थापित किया गया, जिसमें कुछ मामले ग्राम कचहरी में निबटाये जाने का निर्णय लिया गया.