संवाददाता, पटनाग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों आवास उपलब्ध कराने में गंभीर नहीं है. इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा भेजे गये तार्किक अनुरोध को भी केंद्र मानने को तैयार नहीं है. ऐसे में 2022 तक राज्य के सभी बेघरों को आवास की समस्या का समाधान कैसे होगा. केंद्रीय ग्रामीण विक ास पंचायती राज तथा पेयजल स्वच्छता मंत्री वीरेंद्र सिंह को श्री कुमार ने पत्र लिख कर गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की मांग की है. ग्रामीण विकास मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा इंदिरा आवास की सहायता राशि में केंद्र व राज्य की भागीदारी 75:25 की जगह पर इसे वृद्धि कर 50:50 कर दी गयी है. राज्य के लक्ष्य में कटौती और लक्ष्य निर्धारण में किये गये नये मानक से बिहार को होनेवाले नुकसान की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया. विगत वर्ष के आंकड़ा देते हुए बताया गया था कि वर्ष 2009-10 के बाद से ही बिहार के लिए लक्ष्य निर्धारण व निधि विमुक्ति में केंद्र द्वारा कमी की जा रही है. वर्ष 2009 में राज्य के लिए 10 लाख पांच हजार का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसे 2015-16 के लिए दो लाख 80 हजार 255 का लक्ष्य निर्धारित किया गया. इसे व्यावहारिक रूप से बढ़ाये बगैर समस्या का समाधान संभव नहीं है. राज्यांश का अनुपात 25 फीसदी से 50 फीसदी कर दिये जाने से बिहार जैसे गरीब व पिछड़े राज्य पर केंद्र ने वित्तीय बोझ बढ़ाने का काम किया है.
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राजपाट : गरीबों को आवास उपलब्ध कराने में केंद्र गंभीर नहीं : श्रवण
संवाददाता, पटनाग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों आवास उपलब्ध कराने में गंभीर नहीं है. इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा भेजे गये तार्किक अनुरोध को भी केंद्र मानने को तैयार नहीं है. ऐसे में 2022 तक राज्य के सभी बेघरों को आवास की समस्या का समाधान कैसे होगा. केंद्रीय ग्रामीण […]
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