संवाददाता,पटनाविधानसभा में विरोधी दल के नेता नंद किशोर यादव ने जातीय मतगणना रिपोर्ट जारी नहीं किये जाने को लेकर राजद और जदयू की ओर से केंद्र सरकार पर उठाये जा रहे सवालों को बेतुका बताया है.जातिवाद और मजहब की राजनीति करने वाले लोग इस रिपोर्ट का सहारे सामाजिक समरसता बिगाड़ने की फिराक में हैं. राज्य मेंं इस समय एनडीए के नेतृत्व में विकासवाद की लहर चल रही है, जिससे बौखलाये राजद-जदयू जैसे दल जातिवादी राजनीति को हवा देने की साजिश में जुटे हैं.यादव ने कहा कि सामाजिक- आर्थिक मतगणना की जो रिपोर्ट सामने आयी है, उसने देश और बिहार पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली कांग्रेस और राजद जैसे उसके सहयोगी दल को आईना दिखा दिया है. बिहार में 75 फीसदी परिवारों को सिर्फ 5 हजार रुपये महीना में काम चलाना होता है. खेती से इतनी आमदनी भी नहीं होती कि मजदूरी समेत लागत निकल आये, फिर भी 18 फीसदी परिवार खेती पर निर्भर हैं. पौने दस करोड़ से ज्यादा लोग गांवों में रहते हैं और ज्यादातर के पास पक्के मकान नहीं हैं. शिक्षा का जदयू सुप्रीमो ढोल पीटते हैं और हाल ये है कि 43.85 प्रतिशत ग्रामीण अशिक्षित हैं. यादव ने कहा कि राजनीतिक दलों को इस स्थिति को बदलने की कोशिश करनी चाहिए. भाजपा के नेतृत्व में एनडीए का विकासवाद और दृढ़ इच्छाशक्ति वाली सरकार इस स्थिति को बदलने का काम करेगी.
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राजपाट : जदयू- राजद जातिवाद की राजनीति करती है: नंद किशोर
संवाददाता,पटनाविधानसभा में विरोधी दल के नेता नंद किशोर यादव ने जातीय मतगणना रिपोर्ट जारी नहीं किये जाने को लेकर राजद और जदयू की ओर से केंद्र सरकार पर उठाये जा रहे सवालों को बेतुका बताया है.जातिवाद और मजहब की राजनीति करने वाले लोग इस रिपोर्ट का सहारे सामाजिक समरसता बिगाड़ने की फिराक में हैं. राज्य […]
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