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मेयर पर फिर जताया ‘अविश्वास’
पटना: पटना नगर निगम के 72 में से 40 वार्ड पार्षदों ने मेयर अफजल इमाम पर अविश्वास जताते हुए उनको पद से हटाने का प्रस्ताव लाया है. शनिवार को 28 वार्ड पार्षद व चार पार्षद पतियों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 40 पार्षदों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक और मेयर […]
पटना: पटना नगर निगम के 72 में से 40 वार्ड पार्षदों ने मेयर अफजल इमाम पर अविश्वास जताते हुए उनको पद से हटाने का प्रस्ताव लाया है. शनिवार को 28 वार्ड पार्षद व चार पार्षद पतियों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 40 पार्षदों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक और मेयर के पीए अवधेश कुमार को सौंपा. नगरपालिका एक्ट 07 की धारा 25(4) के तहत मेयर के खिलाफ तीन साल में दूसरी बार यह प्रस्ताव लाया गया है. दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर पिछले साल भी 10 जून को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जो एक वोट से गिर गया था. इस बार विपक्षी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में आठ आरोप गिनाये हैं. साथ ही शहर की बदतर स्थिति की लिए मेयर को जिम्मेवार ठहराया है.
15 दिनों के अंदर बैठक बुलाने का है प्रावधान
अविश्वास प्रस्ताव मिलने के बाद अब मेयर को नगरपालिका एक्ट की धारा 25(4) में किये प्रावधान के अनुसार 15 दिनों के भीतर विशेष बैठक बुलानी होगी. इस बैठक में सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए वोटिंग करायी जायेगी. अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए विपक्षी गुट को 37 पार्षदों के समर्थन की आवश्यकता होगी. अगर मेयर 15 दिनों के भीतर बैठक नहीं बुलाते है, तो एक्ट की धारा 48 में प्रावधान है कि बोर्ड की एक तिहाई पार्षद विशेष बैठक की तिथि तय कर नगर आयुक्त को सूचित कर सकते हैं.
नहीं हो रहा है जनहित का काम
विपक्षी गुट का नेतृत्व डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता, वार्ड पार्षद विनय कुमार पप्पू, दीपक कुमार चौरसिया व सुनील कुमार कर रहे हैं. इन पार्षदों का कहना है कि जिस उद्देश्य से महापौर अफजल इमाम को पद पर बैठाया, वह उद्देश्य पूरा नहीं किया. शहर में जनहित के कार्य नहीं हुए, जिससे आम लोगों को नागरिक सुविधाओं से वंचित होना पड़ा है. पार्षदों ने कहा कि महापौर अपने महती जिम्मेवारी को नहीं निभा रहे है, जिसके कारण हमलोगों को अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ रहा है.
ये हैं आठ आरोप
नागरिक सुविधा की बदतर स्थिति
ठोस कचरा प्रबंधन योजना को लागू नहीं किया जाना
50 लाख की योजना में अड़चन पैदा कर योजना लटकाना
वर्ष 2015-16 का बजट प्राक्कलन समय पर निगम पर्षद के समक्ष प्रस्तुत नहीं करना
महापौर पद के प्रतिकूल असंसदीय व्यवहार करना
पदाधिकारियों को ईमानदारी के कार्य नहीं करने देना
पदाधिकारियों से र्दुव्यवहार करना
होर्डिग माफिया से सांठगांठ कर अवैध कमाई करना और निगम की राजस्व को क्षति पहुंचाना
आरोप के लिए विपक्ष खुद जिम्मेवार : मेयर
अविश्वास प्रस्ताव लाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, लेकिन विपक्षी पार्षदों के नेता जनहित के लिए अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाते हैं. उन्हें सिर्फ कुरसी की लड़ाई लड़ रहे है. एक्ट में प्रावधान होता, तो विपक्ष के नेता रोजाना अविश्वास प्रस्ताव लाते. विपक्षी के नेताओं ने जो आरोप हम पर लगाया है, उस आरोप के लिए खुद जिम्मेवार और फिट बैठता है. विपक्षी के नेताओं ने कहीं जनहित की मुद्दा को लेकर बोर्ड में आवाज नहीं उठायी है. स्थायी समिति ने ही जनहित योजना को लेकर निर्णय लिया और क्रियान्वयन कराया. स्थायी समिति व बोर्ड से पारित योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ, तो स्थायी समिति ने ही हाइकोर्ट में पीआइएल दायर किया. इस पीआइएल में भी विपक्षी पार्षदों ने अड़चन डाला. – अफजल इमाम, मेयर
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