झूठा व बेबुनियाद आरोप लगाने वाले स्वास्थ्य मंत्री को मेरी पत्नी की ओर से सात दिनों के अंदर सार्वजनिक क्षमा मांगने के लिए कानूनी नोटिस दी जायेगी. अगर वे सार्वजनिक तौर पर अपना आरोप वापस लेते हुए क्षमा नहीं मांगते हैं, तो मेरी पत्नी मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगी. नीतीश-लालू की किसी गीदड़ भभकी से मैं डरने वाला नहीं हूं. लालू यादव के 15 साल के जंगलराज के दौरान चारा, अलकतरा व दवा जैसे अनेक घोटालों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया. झूठे मुकदमे में फंसा कर बदनाम करने की लालू प्रसाद की साजिश हो या पुलिस और निगरानी का भय, किसी से नहीं डरा. नीतीश कुमार बताएं कि मंत्री की बेटी की नियुक्ति अवैध नहीं थी, तो इस्तीफा क्यों दिया? मंत्री की बेटी की अवैध बहाली के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? मेरी पत्नी आठ वर्षो तक केंद्रीय विद्यालय में शिक्षण के बाद पिछले 12 वर्षों से पटना विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं.
फिलहाल पटना विवि के अंतर्गत राज्य के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की प्राचार्य हैं. पटना विवि से एमएससी, एमएड व पीएचडी की डिग्री हासिल की हैं. मेरी पत्नी अपनी डिग्री की हर तरह से जांच व सजा के लिए तैयार हैं. पटना विवि में मेरी पत्नी की नियुक्ति लालू-राबड़ी देवी की सरकार के दौरान 2003 में हुई थी. अगर वह पिछले 12 वर्षों से फर्जी डिग्री के आधार पर काम कर रही है तो लालू-नीतीश की सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? नीतीश कुमार चुनाव में निश्चित पराजय देख अपने राजनीतिक विरोधियों को फंसाने व बदनाम करने के लिए निगरानी व पुलिस के माध्यम से किसी भी हद तक जा सकते हैं. मगर उनकी कोई भी चाल सफल नहीं होने वाली है. अगर उनमें नैतिकता है तो दवा घोटाले, ट्रांसफॉर्मर घोटाले व मंत्री की बेटी की अवैध बहाली के मामले में अविलंब कार्रवाई करें.