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बिहार में इंसेफलाइसिस से पांच बच्चों की मौत, 15 का इलाज जारी

पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर जिला में एक्युट इंसेफलाइसिस सिंड्रोम :एईएस: से पांच बच्चों की मौत हो गयी है, जबकि 15 बच्चों का इलाज चल रहा है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डा0 ज्ञान भूषण ने बताया कि एईएस से ग्रसित दो बच्चों की आज मौत हो गयी. इस साल एईएस रोग के कारण पहले बच्चे […]

पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर जिला में एक्युट इंसेफलाइसिस सिंड्रोम :एईएस: से पांच बच्चों की मौत हो गयी है, जबकि 15 बच्चों का इलाज चल रहा है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डा0 ज्ञान भूषण ने बताया कि एईएस से ग्रसित दो बच्चों की आज मौत हो गयी. इस साल एईएस रोग के कारण पहले बच्चे की मौत 28 मई को हुई थी और उसके बाद से लेकर अबतक पांच बच्चों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि इस रोग से वर्तमान में ग्रसित 15 बच्चों में से 14 का श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल और एक बच्चे का स्थानीय केजरीवाल अस्पताल में इलाज चल रहा है.

भूषण ने बताया कि मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और सीतामढी जिलों में एईएस रोग का प्रकोप फैले होने के मद्देनजर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक मरीजों की पहचान तत्काल किए जाने का निर्देश दिया गया है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने बताया कि उक्त बीमारी की रोकथाम, उससे बचाव एवं इलाज के लिए प्रबंध किए गए हैं. आशा हैं कि इस वर्ष यह रोग अधिक नहीं फैलेगा.
आरटीआई के जरिए प्राप्त की गयी जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 में देशभर में इस बीमारी से 1,711 बच्चों की मौत हुई थी. आरटीआई के जरिए जानकारी प्राप्त करने वाले समाजसेवी सह अधिवक्ता अभिषेक रंजन ने बताया कि, प्राप्त सूचना के अनुसार वर्ष 2014 में एईएस से मरने वाले 1,711 बच्चों में सबसे अधिक 627 उत्तर प्रदेश, 360 असम और 355 बिहार में थे. जबकि पश्चिम बंगाल में यह संख्या 347 रही थी. हरियाणा, झारखंड, तमिलनाडु, केरल, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड में कुछ लोगांे की इसकी चपेट में आकर मौत हुई थी. वर्ष 2013 में देश में एईएस से मरने वालों की संख्या 1,273 थी जो वर्ष 2014 में बढकर 1,711 हो गयी. वर्ष 2009 एवं 2010 में बीमारी से मरने वालों की संख्या क्रमश: 779 और 679 रही थी.

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