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पुलिस से मदद दिलाने को महिला आयोग ने डीजी को लिखी चिट्ठी

संवाददाता, पटना बिहार राज्य महिला आयोग ने मामले के निष्पादन में आ रही परेशानियों से निबटने के लिए पुलिस प्रशासन से मदद मांगी है. इसके लिए गृह विभाग के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा गया है. आयोग की अध्यक्ष अंजुम आरा ने बताया कि आयोग को सीमित अधिकार के तहत कई मामलों के निष्पादन में […]

संवाददाता, पटना बिहार राज्य महिला आयोग ने मामले के निष्पादन में आ रही परेशानियों से निबटने के लिए पुलिस प्रशासन से मदद मांगी है. इसके लिए गृह विभाग के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा गया है. आयोग की अध्यक्ष अंजुम आरा ने बताया कि आयोग को सीमित अधिकार के तहत कई मामलों के निष्पादन में परेशानियां हो रही हैं. आवेदिका द्वारा दर्ज शिकायत पर जब आरोपित पक्ष को आयोग बुलाया जाता है, तो कई आरोपित आयोग के सम्मन पर उपस्थित नहीं होते हैं. इससे पीडि़ता को लंबे समय तक न्याय नहीं मिल पाता है. ऐसे में पुलिस से मदद की जरूरत पड़ती है, ताकि वह आरोपित को आयोग में उपस्थित करा सके. कार्यकारिणी की बैठक अगले सप्ताहअध्यक्ष ने बताया कि जून के दूसरे सप्ताह में कार्यकारिणी की बैठक होगी. इसमें गृह विभाग के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है, ताकि वे जिले के सभी एसएसपी को आयोग को सहयोग करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर सके. आयोग में जनवरी माह से अब तक कुल 1104 मामले दर्ज किये गये हैं. आरोपितों के उपस्थित नहीं होने से 50 फीसदी मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं. एसएसपी को तीन-तीन बार पत्र लिखने व फैक्स करने के बावजूद कई बार आरोपित पक्ष को उपस्थित नहीं कराया जाता है. इससे मामले के निष्पादन में देरी हो रही है. तीन बार भेजा जाता है सम्मनआयोग में दर्ज मामले में पीडि़ता की शिकायत के आलोक में आयोग द्वारा आरोपित पक्ष को सम्मन भेज बुलाया जाता है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद काउंसेलिंग की जाती है. इसके बाद विवाद को समाप्त करा कर मामले का निष्पादन किया जाता है. तीन बार सम्मन भेजने के बाद भी जब आरोपित उपस्थित नहीं होता है, तो पुलिस से मदद ली जाती है.

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