नीतीश सरकार पर उन्होंने कहा कि इस सरकार से अब विकास नहीं हो रहा है. वैकल्पिक राजनीति के लिए यह सरकार आप्रासंगिक हो गयी है, जबकि भाजपा सामंतवाद व सांप्रदायिकता को लाने का काम करेगी. संवाद में उमड़ी भीड़ से गदगद उन्होंने कहा कि अब तक का यह सबसे बेहतर संवाद है.
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बिहार देश को फिर देगा नयी राजनीति: योगेंद्र यादव
पटना: बिहार जैसी वैचारिक संपन्नता और राजनीतिक सूझबूझ कहीं नहीं है. बिहार एक बार फिर देश में राजनीतिक विकल्प व दिशा देने का काम करेगा. इसी धरती की ऊर्जा की बदौलत महात्मा गांधी और जेपी जैसे लोगों ने देश को एक नयी दिशा दी. हम भी यहां से ऊर्जा लेकर देश में नया राजनीतिक विकल्प […]
पटना: बिहार जैसी वैचारिक संपन्नता और राजनीतिक सूझबूझ कहीं नहीं है. बिहार एक बार फिर देश में राजनीतिक विकल्प व दिशा देने का काम करेगा. इसी धरती की ऊर्जा की बदौलत महात्मा गांधी और जेपी जैसे लोगों ने देश को एक नयी दिशा दी. हम भी यहां से ऊर्जा लेकर देश में नया राजनीतिक विकल्प देंगे. उक्त बातें राजनैतिक विश्लेषक प्रो योगेंद्र यादव ने रविवार को एसके मेमोरिल हॉल में आयोजित स्वराज संवाद में कही. उन्होंने नीतीश, लालू व भाजपा सभी पर निशाना साधा.
संवाद में प्रो यादव ने विस्तार से अपने उदेश्यों को बताया. बिहार से दिल का रिश्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि संघर्ष, रचना, विचार, चरित्र निर्माण और सत्ता परिवर्तन के जरिये नया राजनैतिक विकल्प देंगे. हम एक व्यापक अभियान पर निकले हैं. जिन लोगों ने बिहार में राजनीतिक सामंतवाद को समाप्त करने में अहम भूमिका निभायी, वही अब लड़खड़ा गये. 2005 में फिर एक बार उम्मीद जगी, लेकिन नीतीश कुमार का दूसरा कार्यकाल फिसलन भरा रहा. आज की सरकार विकास नहीं कर पा रही है. भाजपा तो रिवर्स गियर में चल रही है, इसलिए वह अधिक बोल रही है. आज सच्चे विकल्प की जरूरत है. सामाजिक न्याय का मतलब एक जाति विशेष का वर्चस्व नहीं है. प्रो योगेंद्र ने कहा कि आज सबसे बड़ा सवाल किसानों का है. सरकारी आंकड़ा बताता है कि देश में 7.3 फीसदी की दर से विकास हुआ है, लेकिन कृषि क्षेत्र में यह दर मात्र 0.2 फीसदी है. कृषि का विकास नहीं हो रहा है. पिछले 15 साल में तीन लाख किसानों ने आत्महत्या की. बिहार के संदर्भ में कहा कि बिहार के किसानों की औसत आमदनी 3500 रुपये है और कृषि क्षेत्र से तो मात्र 1700 रुपये. किसानों के हक के लिए सात जून से जय किसान अभियान चलेगा. गांवों में जाकर उनकी समस्याओं को सुना जाएगा. गांव की मिट्टी लेकर जुलाई- अगस्त में संसद में पहुंचा जायेगा. इस अभियान की शुरुआत बिहार से होगा.
आरटीआइ के जरिये लड़ेंगे भ्रष्टाचार से : प्रो. आनंद
इसके पहले प्रो आनंद कुमार ने कहा कि बिहार देश की राजनीति की पुरानी पाठशाला है. 1916 से यह पाठशाला चल रही है. 1974 में जेपी ने नया पाठ पढ़ाया. आज राजनीति प्रदूषित हो गयी है. धनबल, बाहुबल व काला धन हावी है. अन्ना हजारे ने एक दिशा दी और मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल की जमानत जब्त हो गयी. भाजपा को 115 लोगों को आयात करना पड़ा. आप पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्ता का अपना विकार होता है. अरविंद केजरीवाल धोखे की राजनीति करते हैं. आप के आधा दर्जन एमएलए पर मुकदमा चल रहा है. प्रो कुमार ने आगे की कार्ययोजना पर जानाकारी दी और कहा कि हर जिले में स्वराज केंद्र खुलेगा. आरटीआइ के जरिये भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे. सद्भाव के लिए अमन कमेटी बनेगी. किसानों के लिए अभियान चलेगा.
जीडीपी ग्रोथ मॉडल से अब नहीं हो रहा लाभ: प्रशांत
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि भाजपा सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है. जीडीपी ग्रोथ मॉडल से अब लाभ नहीं हो रहा है. हम युवाओं से चर्चा करेंगे कि विकास का कैसा मॉडल चाहिए. देश की राजनैतिक व्यवस्था को बदलने की जरूरत है. बिहार क्रांति की धरती है. आज भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े अभियान की जरूरत है. स्वराज अभियान के जरिये देश के व्यवस्था परिवर्तन में सहभागी बनेंगे. भाजपा जिस तरह भगवाकरण कर रही और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है, वह देश हित में नहीं है. प्रणव प्रकाश ने लोगों का स्वागत किया और अध्यक्षता देवनाथ देवन ने की.
3823 ने की बिहार में चुनाव लड़ने की वकालत
कार्यक्रम में जानकरी दी गयी कि बिहार में चुनाव लड़ने या न लड़ने के सव्रे के लिए पांच हजार फार्म दिये गये थे. अब तक मिले 3984 फॉर्म में से 3823 ने चुनाव लड़ने ओर171 ने चुनाव न लड़ने के पक्ष में अपनी बात कही.
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