पिछले दो साल से बिहार में तंबाकू की उपज तीन लाख मीटरिक टन से आगे बढ़ नहीं रही है. बिहार राज्य तंबाकू को-ऑपरेटिव फेडरेशन के एमडी राम प्रताप सिंह ने बताया कि तंबाकू का सर्वाधिक खपत मुजफ्फरपुर में है.
उपज में कमी के बारे में उन्होंने बताया कि सुरक्षित रखरखाव के इंतजाम नहीं होने और सरकारी मदद नहीं मिलने से ऐसा हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार में तंबाकू की जो भी बिक्री है, वह निजी व्यापारियों के हाथों हो रही है. उपज में दो साल से कमी ही आ रही है. इधर कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ विनीता ने कहा कि उपज कम होने से मामला खत्म नहीं होनेवाला है. इसके उपयोग को कम करना होगा. जब दो रुपये का गुटखा मिलेगा, तो कोई भी आसानी से इसे खा लेगा. इस पर और अधिक कर का प्रावधान कर महंगा करना होगा.