पप्पू यादव रविवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि लालू प्रसाद का अब पार्टी पर कब्जा नहीं रह गया है. पार्टी तो अब उनके पुत्र-पुत्री व परिवार का कब्जा हो गया है. यह नीतीश कुमार को तय करना है कि उनके राजनीति को लालू प्रसाद के बेटा-बेटी तय करेंगे. चुनाव को लेकर उनकी बातचीत सभी समान विचारधारा के लोगों से हो रही है. यहां तक कि बड़े दलों के साथ भी उनकी बात चल रही है. पर उन्होंने पूछे जाने पर भी किसी बड़े दल का नाम नहीं बताया, कहा कि यह अनुमान स्वयं लोग लगावे. उन्होंने कहा कि बिहार में किसान आत्म हत्या कर रहे हैं. पर नीरो की तरह सत्ता में बैठे लोग सुख का आनंद ले रहे हैं.
बिहार में होनेवाले सभी चुनावों में वे धनपशु और माफियाओं के खिलाफ उम्मीदवार उतारेंगे. इसके लिए जीतन राम मांझी, वाम दलों और बुद्धिजीवियों को भी साथ लिया जायेगा. विधान परिषद चुनाव में उनके मोरचे ने मधुबनी में राजकुमार यादव, मुंगेर में फैसल रूबी और कटिहार में पगला यादव को समर्थन दिया है. रविवार को राजद के प्रदेश महासचिव शिवनाथ यादव ऊर्फ बबन यादव ने राजद छोड़कर पप्पू यादव के मोरचे में शामिल हो गये. इस मौके पर जनक्रांति मोरचा के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र सिंह व प्रवक्ता एजाज अहमद सहित पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे.