पटना: दवा घोटाला का भय परचेज कमेटी में शामिल डॉक्टर व अधिकारियों को परेशान कर रहा है. इसका नतीजा है कि अस्पतालों में 90 प्रतिशत तक दवाइयां खत्म हो गयी हैं. बीएमएसआइसीएल के एक बड़े अधिकारी खुद को टेंडर प्रक्रिया से दूर रख रहे हैं, जिसका असर अगले सप्ताह होने वाली परचेज व फाइनाइंस कमेटी की मीटिंग में दिखेगा. दो माह से पीएमसीएच समेत सूबे के सभी बड़े व छोटे सरकारी अस्पतालों में दवाइयां नहीं हैं और ऐसे में इलाज करने वाले डॉक्टरों की परेशानी बढ़ गयी है.
मरीज को दवा नहीं मिलने पर वह अपना गुस्सा डॉक्टर या नर्स पर निकालते हैं और अस्पताल में हर दिन हंगामा होता है. दवा घोटाला मामला उजागर होने के बाद निगम को दवा खरीद से रोक दिया गया. स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है कि आपात स्थिति में सिविल सजर्न व अधीक्षक स्तर पर दवा की खरीद होगी,लेकिन खरीद नहीं हो पा रही है. वजह लोकल परचेज में भी सदस्य नहीं पहुंच रहे हैं. अधीक्षक जरूरत पड़ने पर 15 हजार तक की दवा खरीद रहे हैं.
ऐसी स्थिति में मरीजों को दवाइयां नहीं मिल रही है और उन्हें बाहर जाना पड़ रहा है. पीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ सुधांशु सिंह ने बताया कि ओपीडी व इमरजेंसी में अभी दवाओं की कमी नहीं है. हालांकि दो दिन पूर्व कुछ दवाइयां कम हुई थी. उसे कॉरपोरेशन से भेज दिया गया है. विभाग की ओर से पूर्व से यह व्यवस्था है कि आपातकाल में एक निश्चित राशि तक दवा खरीद कर सकते हैं.