Advertisement
अतिक्रमण हटाने के नोटिस के बाद कर्मचारियों में हड़कंप, पीयू से की मांग हमारी वैकल्पिक व्यवस्था कराओ
पटना: पटना विश्वविद्यालय में अतिक्रमण हटाने के नोटिस के बाद से कर्मचारियों में हड़कंप है. इसका कारण यह है कि जिन अतिक्रमणकारियों की सूची पीयू ने जारी की है उनमें अधिकतर कर्मचारी ही हैं. अधिकतर वैसे कर्मचारी हैं जिन्होंने अपने डय़ूटी रूम में कब्जा जमा रखा है. अभी और भी कर्मचारियों को नोटिस जारी करने […]
पटना: पटना विश्वविद्यालय में अतिक्रमण हटाने के नोटिस के बाद से कर्मचारियों में हड़कंप है. इसका कारण यह है कि जिन अतिक्रमणकारियों की सूची पीयू ने जारी की है उनमें अधिकतर कर्मचारी ही हैं. अधिकतर वैसे कर्मचारी हैं जिन्होंने अपने डय़ूटी रूम में कब्जा जमा रखा है. अभी और भी कर्मचारियों को नोटिस जारी करने की तैयारी विवि प्रशासन कर रहा है. ऐसे कर्मचारियों का कहना है कि वे न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन पीयू कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करे. कर्मचारियों के रहने के लिए कोई जगह नहीं है और विवि के द्वारा कर्मचारियों के क्वार्टर बनाने की परियोजना वर्षो से लंबित है.
कुछ और लोगों को मिल सकता है नोटिस
पटना विश्वविद्यालय के द्वारा कुछ और कर्मचारियों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है. यूनिवर्सिटी इंजीनियर सचिन दयाल के अनुसार अभी और भी स्थानों को चिंहित किया जा रहा है जिनपर अतिक्रमण है उनकी सूची बनाई जा रही है. संभव है एक दो दिन में उन्हें भी नोटिस दिया जायेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी कर्मचारी को नोटिस नहीं दिया जायेगा जिनका एलॉटमेंट हुआ है और उनका हाउस रेंट कट रहा है.
इसके लिए विवि जिम्मेवार
पटना विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की ओर से सीनेट सदस्य रघुराम शर्मा ने कहा कि इस स्थिति के लिए विवि स्वयं ही जिम्मेवार है. यूजीसी के ग्रांट का पैसा पिछले तीन वर्षो से विवि में ऐसे ही पड़ा है लेकिन कर्मचारियों के लिए आज तक क्वार्टर का निर्माण नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि न्यायालय का आदेश अनऑथराइज्ड को हटाने के लिए है लेकिन विवि इस आड़ में ऑथराइज्ड को भी हटाने के पीछे पड़ गई है. कई ऐसे कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है जिनका एलॉटमेंट है और हाउस रेंट भी कट रहा है. वहीं शिक्षकों के क्वार्टर में भी जिन कर्मचारियों को एलॉटमेंट किया गया था उन्हें भी हटाने की तैयारी की जा रही है जो गलत है. विवि न्यायालय के आदेश का पालन अक्षरश: करे लेकिन कर्मचारियों को बेवजह टारगेट ना करे.
वैकल्पिक व्यवस्था की जाये
पटना विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि न्यायालय का हम सम्मान करते हैं और जितने भी बाहरी लोग हैं उन्हें हटाया जाना चाहिए लेकिन कर्मचारी कहां जायेंगे. उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए. कर्मचारियों को जो हाउस रेंट मिलता है उसमें अशोक राजपथ में कोई मकान या कमरा मिलना काफी मुश्किल है. कर्मचारियों को रहने के लिए यूजीसी के फंड से करीब 250 क्वार्टर बनाया जाना था लेकिन वह खटाई में है. कर्मचारियों को शिक्षकों के खाली आवास भी बनाकर देने की बात थी. इसमें कुछ को मिला भी लेकिन सुनने में आ रहा है अब उन्हें भी हटाया जायेगा. यह समझ से परे है जबकि उनका हाउस रेंट भी कट रहा है. वैसे हम न्याय के लिए न्यायालय का भी दरवाजा खटखटायेंगे.
यहां सबसे अधिक अतिक्रमण
1. सैदपुर . पटना विश्वविद्यालय के सैदपुर कैंपस में करीब आधा एकड़ जमीन पर पीयू के ही कर्मचारी और विभिन्न लोगों का कब्जा है. विवि के वर्क्स डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के अनुसार अंबेदकर छात्रवास के नजदीक में शिमला हाउस करके कुछ लोगों के द्वारा बस्ती बना ली गई है. कर्मचारी ही शिक्षकों के आवास में घुस गये हैं. बाहरी तत्व भी घुसे हुए हैं. बैचलर क्वार्टर, टी वन, टी टू और मैसनेट क्वार्टर में भी अतिक्रमण है. सुप्रीटेंडेंट क्वार्टर के पास भी अतिक्रमण है.
2. कॉलेज डय़ूटी रूम : बीएन कॉलेज, साइंस कॉलेज, पटना कॉलेज समेत कई स्थानों पर कर्मचारियों ने डय़ूटी रूम पर ही कब्जा कर लिया है. यह स्थान कर्मचारियों को काम के दौरान आराम के लिए दिया गया था जिसमें कर्मचारी परिवार के साथ घुस गये हैं. 276 में करीब डेढ़ से दो सौ लोग जिन्हें नोटिस दिया गया है वह डय़ूटी रूम में ही घुसे हैं जिन्हें खाली कराया जायेगा.
3. पीयू मुख्यालय के इर्द-गिर्द : पटना विश्वविद्यालय के इर्द-गिर्द भी कई लोगों के द्वारा पक्के मकान बना लिये गये हैं. उसमें मंदिर आदि भी बने हुए हैं और मकान भी. उनका दावा है कि जमीन उन्हीं की है और वर्षो से वे वहां रह रहे हैं. इसके अतिरिक्त मगध महिला कॉलेज और वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज के पास भी कुछ लोग हैं. कृष्णाघाट के पास भी कुछ कर्मचारियों ने ही जमीन पर पक्के मकान बना लिये हैं.
4. गोलखपुर . पटना विश्वविद्यालय की करीब 20 एकड़ जमीन गोलखपुर में है, लेकिन वहां उस जमीन पर स्थानीय लोगों का कब्जा है. मिली जानकारी के अनुसार उनका दावा है कि यह जमीन उनकी पुश्तैनी है. जबकि पीयू का कहना है कि उक्त जमीन का मुआवजा उन्हें मिल गया था बावजूद उसके वहां के लोगों ने कब्जा नहीं हटाया. उक्त जमीन की बाउंड्री भी की गई थी लेकिन जमीन खाली रहने और वहां कोई निर्माण कार्य नहीं होने की वजह से धीरे-धीरे स्थानीय लोगों ने उस पर वापस कब्जा कर लिया और फिर धीरे-धीरे पक्के मकान बना लिये. पीयू को अगर यह जमीन मिल जाये, तो इस पर विवि का काफी सारा निर्माण कार्य हो सकता है और कई तरह के इंस्टीटय़ूशन खुल सकते हैं. हालांकि विवि द्वारा अभी उन्हें नोटिस नहीं मिला है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement