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प्रशासन ने माना, धान खरीद न होने के कारण ही गजेंद्र ने की खुदकुशी

पटना: सिस्टम के नाकारेपन ने मनेर के किसान गजेंद्र सिंह की जान ले ली. सिंघाड़ा पंचायत के ताजपुर शेरभुक्का गांव के गजेंद्र सिंह की 25 अप्रैल की रात आत्महत्या की वजह यही सामने आ रही है. प्रशासन की जांच रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि यदि उसके धान की खरीद हो गयी होती, […]

पटना: सिस्टम के नाकारेपन ने मनेर के किसान गजेंद्र सिंह की जान ले ली. सिंघाड़ा पंचायत के ताजपुर शेरभुक्का गांव के गजेंद्र सिंह की 25 अप्रैल की रात आत्महत्या की वजह यही सामने आ रही है. प्रशासन की जांच रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि यदि उसके धान की खरीद हो गयी होती, तो वह अपनी जान नहीं देता. महाजन के सूद से परेशान गजेंद्र को धान खरीद की राशि मिल जाती, तो थोड़ी राहत होती और शायद उसे आत्महत्या करने का फैसला नहीं लेना पड़ता.

प्रशासन की जांच रिपोर्ट में सिंघाड़ा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष नवीन कुमार को उसका धान नहीं खरीदने का दोषी पाया गया है और उस पर थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी गयी है. पैक्स अध्यक्ष पर आरोप है कि उसने नियमों की अवहेलना करते हुए गजेंद्र का धान नहीं खरीदा. जांच दल के समक्ष पैक्स अध्यक्ष ने जो बयान दर्ज कराया था उसके मुताबिक गजेंद्र के नाम से खेती की जमीन नहीं थी, इसी कारण उसका धान नहीं खरीदा गया. लेकिन जांच रिपोर्ट कहती है कि गजेंद्र के पिता राम पुकार सिंह के नाम पर जो 1.68 एकड़ जमीन थी उसका भी धान नहीं खरीदा गया. रामपुकार सिंह पैक्स सदस्य भी हैं और वर्ष 2011-12 में लगान रसीद भी काटा गया था ऐसे में अध्यक्ष का दायित्व बनता है कि धान तो खरीदना ही चाहिए था.

अब पुलिस को जांच की जिम्मेदारी दी गयी है और पैक्स अध्यक्ष की सदस्यता पर भी तलवार लटक रही है. जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दे दिया गया है कि वे पैक्स अध्यक्ष की सदस्यता रद करने की कार्रवाई करें.
पिता की जमीन की रसीद पर खरीदना चाहिए था धान
डीएम अभय कुमार सिंह ने बताया कि मृतक गजेंद्र सिंह के नाम से जमीन की रसीद नहीं थी, लेकिन उनके पिताजी के नाम से जमीन तो थी. पैक्स को धान तो खरीदना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. हम जब जांच में गये थे तो घर में ही धान रखा हुआ था. धान का खरीद होता तो उनके हाथ में कुछ पैसे आ जाते और हो सकता है कि उन्हें आत्महत्या का रास्ता अख्तियार नहीं करना पड़ता.
रद्द होगी पैक्स अध्यक्ष की चेयरमैन शिप
जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा ने बताया कि डीएम के निर्देश के बाद पैक्स अध्यक्ष की चेयरमैनशिप रद्द करने की अनुशंसा पटना प्रमंडल के संयुक्त निबंधक, सहयोग समितियां से कर दी गयी है. अब उनके द्वारा आगे की कार्रवाई की जायेगी.
क्या कहते हैं पैक्स अध्यक्ष?
मुङो पूरी प्रक्रिया में बली का बकरा बनाया गया है. गजेंद्र सिंह मेंबर भी नहीं थे, अब जमीन की रसीद कटानी मेरी जिम्मेदारी तो नहीं है. रसीद कटाने की प्रक्रिया इतनी कठिन है कि हमलोगों को काफी दिक्कत होती है, तो फिर आम किसानों को तो और ज्यादा समस्या होती है. प्रशासन सिस्टम को ठीक नहीं करना चाहता. केवल एक व्यक्ति को सबके लिए जिम्मेदार बता रहा है.
नवीन कुमार, पैक्स अध्यक्ष

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