नोडल पदाधिकारी नियुक्त कर दिये गये हैं. जिला स्तर से वरीय पदाधिकारी को नामित करते हुए उन्हें कहा गया कि वे कैंप करते हुए सर्वे का काम शुद्ध रूप से कराएं. वे कृषि सलाहकार, राजस्व कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों के सहयोग से सभी रैयतों का सर्वेक्षण करायेंगे और फसल नुकसान के संबंध में रिपोर्ट अपलोड करते हुए कृषि सब्सिडी का वितरण करेंगे. आपदा प्रबंधन के एडीएम शिवशंकर मिश्र ने बताया कि प्रखंडों को आवंटन भी दे दिया गया है. रोज ट्रेजरी से निकासी करने के बाद राशि किसानों के बैंक खाते में भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी, जिन किसानों को क्षति हुई है उन्हें कुछ शिकायत है, तो वे प्रखंड के नोडल पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
Advertisement
किसानों को मिलेगा 16 करोड़ मुआवजा
पटना: ओलावृष्टि से प्रभावित पटना के किसानों को कुल 16 करोड़ मुआवजा दिया जायेगा. पहले चरण में आठ करोड़ की राशि मिलने के बाद अब फिर से लगभग आठ करोड़ की राशि आपदा प्रबंधन विभाग से मांगी गयी है. सर्वेक्षण में किसानों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पटना जिला आपदा शाखा की ओर से यह […]
पटना: ओलावृष्टि से प्रभावित पटना के किसानों को कुल 16 करोड़ मुआवजा दिया जायेगा. पहले चरण में आठ करोड़ की राशि मिलने के बाद अब फिर से लगभग आठ करोड़ की राशि आपदा प्रबंधन विभाग से मांगी गयी है. सर्वेक्षण में किसानों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पटना जिला आपदा शाखा की ओर से यह राशि सरकार से मांगी गयी है. मुआवजा की राशि सर्वेक्षण के साथ ही किसानों के बैंक अकाउंट में भेजा जा रहा है.
किस प्रकार दिया जा रहा मुआवजा
ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा सीमांत व लघु सभी किसानों को दिया जा रहा है. फसल की क्षति का आकलन अंचल के पदाधिकारी कर रहे हैं. वे सूची तैयार कर रहे हैं और रोज उसे जिलों की वेबसाइट पर अपलोड भी कर रहे हैं. यदि फसल का 33 फीसदी नुकसान हुआ है, तो फिर आप अपने अंचल से संपर्क कर सकते हैं. फसल को दो श्रेणी में विभाजित किया गया है. पहला शाश्वत फसल है, जो एक मौसम से ज्यादा तक चलता है. इसमें आम, अमरूद, ईख आदि शामिल हैं. वहीं अशाश्वत फसल में एक मौसम तक टिकनेवाले फसल शामिल हैं. जैसे धान, गेहूं, मसूर, चना आदि. दोनों फसल में अधिकतम दो हेक्टेयर नुकसान का मुआवजा दिया जाता है. शाश्वत फसल में अधिकतम 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जायेगा व न्यूनतम दो हजार रुपये. वहीं अशाश्वत फसल में सिंचित और असिंचित दो प्रकार की श्रेणी है. सिंचित के लिए 13 हजार पांच सौ रुपये व असिंचित फसल में 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर व न्यूनतम 1000 रुपये का मुआवजा दिया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement