11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नेताओं की गोल-मोल बातों में न आएं

लाइफ रिपोर्टर@पटनाइलेक्शन के वक्त लोग काफी ज्यादा प्रचार प्रसार करते हैं. नेता चाहते हैं कि जात-पात और वोट को लेकर एक वर्ग को अपने तरफ कर लेंगे. इस मुद्दे को लेकर ही बुधवार को नाटक की प्रस्तुति हुई. प्रेमचंद रंगशाला के बाह्य परिसर में इस मुद्दे को नाटक ‘देखो वोट बटोरे अंधा’ में दिखाया गया. […]

लाइफ रिपोर्टर@पटनाइलेक्शन के वक्त लोग काफी ज्यादा प्रचार प्रसार करते हैं. नेता चाहते हैं कि जात-पात और वोट को लेकर एक वर्ग को अपने तरफ कर लेंगे. इस मुद्दे को लेकर ही बुधवार को नाटक की प्रस्तुति हुई. प्रेमचंद रंगशाला के बाह्य परिसर में इस मुद्दे को नाटक ‘देखो वोट बटोरे अंधा’ में दिखाया गया. नाटक ने समाज को एक बेहतरीन संदेश दिया कि आप सोच-समझ कर ही वोट दें. अन्यथा आपको ही पछताना पड़ता है.नाटक की कहानी एक नेता की थी, जो वोट के चक्कर में कहता रहता था कि अपने जाति में वोट और लड़की देनी चाहिए. इस बात से सारे लोग प्रभावित हो गये थे. एक दिन उसी नेता के जाति का एक किसान अपने बेटा का रिश्ता लेकर नेता के घर जाता है. हालांकि वह एक सुखी संपन्न किसान होता है. इसके बावजूद किसान और उसका बेटा अनपड़ होते हैं. रिश्ते की बात सुन कर नेता बेहोश हो जाता है. उसके बाद जब किसान उस बात को नकारता है कि मैं शादी नहीं करवा सकता, तो वह तुरंत ही होश में आ जाता है. इस बात को जब आम इनसान सुनते हैं, तो नेता के विरोध में खड़े हो जाते हैं. नाटक में अभिषेक आनंद, सुभाष चंद्रा, माधुरी शर्मा, ऋषिकेश झा, रजनी कुमारी और राजीव राय ने अभिनय किया. असगर वजाहत के आलेख पर इस नाटक का निर्देशन रजनी कांत ने किया. इस नाटक को ग्रीन रूम संस्था ने पेश किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें