– शशिभूषण कुंवर –
अतिक्रमण के कारण मेडिकल कॉलेजों का विकास बाधित
पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत राज्य के छह सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की 110 एकड़ से अधिक जमीन पर अतिक्रमण है. इस कारण अस्पताल के लिए वार्ड, छात्रावास, नर्सो के लिए हॉस्टल और कर्मचारियों के लिए आवास की जमीन भी नहीं बची है. जो भूखंड शेष हैं, मरीजों के बढ़ते दबाव व अस्पताल की सुविधाओं के लिए कम पड़ते जा रहे हैं.
अस्पतालों परिसरों में अतिक्रमण को लेकर पटना हाइकोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता गुड्ड बाबा ने लोकहित याचिका दायर कर रखी है. हाल ही में अदालत ने इस पर तीखी टिप्पणी की थी. इसकी मॉनीटरिंग हाइकोर्ट कर रहा है.
अगली सुनवाई 20 सितंबर को होनेवाली है. इसके बावजूद संबंधित जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है. अस्पताल प्रशासन लाचार दिख रहे हैं.
पीएमसीएच : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल का विस्तार अशोक राजपथ से उत्तर में लोक स्वास्थ्य संस्थान (पीएचआइ) से लेकर पटना विवि के दरभंगा हाउस तक है.
अस्पताल परिसर में झुग्गी–झोंपड़ी, ठेला व एंबुलेंसों का जमावड़ा लगा रहता है. कॉलेज के प्राचार्य ने सरकार को सूचित किया कि गंगा किनारे दर्जनों झुग्गी–झोपड़ियां बन गयी हैं. ये लोग अस्पताल से अवैध पानी व बिजली का कनेक्शन लिये हुए हैं.
एसकेएमसीएच : श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल, मुजफ्फरपुर के प्राचार्य की रिपोर्ट में अस्पताल की भूमि 151 बीघा दरसायी गयी है, जबकि सरकारी दावे के अनुसार 125 एकड़ जमीन की ही खरीद हुई है.
प्राचार्य ने स्वीकार किया कि अस्पताल के एक चौथाई भूभाग का इस्तेमाल चहारदीवारी विवाद के कारण नहीं हो पा रहा है. अभी अस्पताल की नौ एकड़ जमीन पर अतिक्रमण को लेकर विवाद है.
जेएलएनएमसीएच : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल, भागलपुर के ठीक सामने कॉलेज के छात्रों का छात्रावास बताया जाता है. वर्तमान में इस भवन का उपयोग आइजी कोठी के रूप में किया जा रहा है. अब इस जमीन व भवन की वास्तविक स्थिति के बारे में भागलपुर के आयुक्त से कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है.
रिपोर्ट के बाद ही तसवीर साफ होगी कि वह भूमि कॉलेज की है या नहीं. पूर्व में नौ एकड़ भूमि पर अतिक्रमण था. प्रशासन का दावा है कि दर्जनों अतिक्रमणकारियों को हटाया जा चुका है.
एनएमसीएच : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पटना के दो भूखंड में हैं. भूतनाथ मोड़ के पास शैक्षणिक कार्य के लिए कॉलेज का भूखंड है, तो अगमकुआं में अस्पताल के लिए भूखंड है. अस्पताल का भूखंड 88 एकड़ का है, जिसमें 26 एकड़ पर अतिक्रमण की आशंका है. इसी तरह 13 एकड़ के भूखंड पर कॉलेज है, जिसमें साढ़े तीन एकड़ जमीन पर अतिक्रमण का विवाद चल रहा है.
एएनएमसीएच : अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया के भूखंड का रकबा 56 एकड़ बताया जाता है. प्राचार्य की रिपोर्ट में 13 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है, जबकि डीएम द्वारा कोर्ट में दिये गये शपथ पत्र में नौ एकड़ भूखंड पर अतिक्रमण है.
डीएमसीएच : सरकारी विभागों का भी अतिक्रमण
दरभंगा : डीएमसीएच की जमीन पर आम लोगों के अलावा सरकारी विभागों का भी अतिक्रमण है. कागज पर डीएमसीएच के पास 202 एकड़ जमीन है. बताया जाता है कि इसमें 88 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. इन पर पांच सौ से ऊपर झोपड़ियां व लगभग पांच दर्जन से ऊपर पक्के मकान बने हुए हैं.
पीएचइडी, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग का भी अतिक्रमण है. कार्यालय से लेकर क्वार्टर तक बने हैं. प्राचार्य डॉ एसएन सिन्हा ने अतिक्रमण हटाने की कई बार पहल की है. इसके बावजूद अब तक अतिक्रमण नहीं हट पाया है.
अस्पताल गेट पर सजने लगी दुकानें
संजय निधि, भागलपुर
एक बार फिर से जेएलएनएमसीएच की जमीन पर अतिक्रमण शुरू हो गया है. अस्पताल के गेट पर फिर से दुकानें सजने लगी हैं. दुकानदार टेंट व बांस–बल्ली लगा कर स्थायी रूप से अपनी दुकान बनाने की जुगत लगाने लगे हैं. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जमीन पर दोबारा अतिक्रमण न हो, इसकी जिम्मेवारी पुलिस प्रशासन को दी गयी है.