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नकली ‘नोट’ पर असली युद्ध
आर्थिक अपराध इकाई ने तैयार की फेक करेंसी पर विशेष कार्ययोजना पुलिस व पब्लिक के बीच इओयू चलायेगा विशेष जागरूकता अभियान सभी पुलिस स्टेशनों में जानकारी के लिए दिया जायेगा बुकलेट हर छह माह पर की जायेगी को-ऑर्डिनेशन मीटिंग कौशिक रंजन पटना : ग्लोबलाइजेशन और लिबरलाइजेशन (उदारीकरण) के तेजी से बढ़ते प्रभाव में आर्थिक अपराधों […]
आर्थिक अपराध इकाई ने तैयार की फेक करेंसी पर विशेष कार्ययोजना
पुलिस व पब्लिक के बीच इओयू चलायेगा विशेष जागरूकता अभियान
सभी पुलिस स्टेशनों में जानकारी के लिए दिया जायेगा बुकलेट
हर छह माह पर की जायेगी को-ऑर्डिनेशन मीटिंग
कौशिक रंजन
पटना : ग्लोबलाइजेशन और लिबरलाइजेशन (उदारीकरण) के तेजी से बढ़ते प्रभाव में आर्थिक अपराधों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. इसमें सबसे ज्यादा प्रमुख जारी करेंसी का कारोबार है. पिछले कुछ सालों में इसका जाल बिहार में भी तेजी से फैल रहा है. इसे रोकने के लिए सूबे की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने एक खास रणनीति तैयार की है.
इसका प्रचार-प्रसार और व्यापक जागरूकता अभियान लोगों के बीच चलाया जायेगा. इसके अलावा प्रत्येक छह माह पर इओयू, सीबीआइ, स्पेशल फोर्स समेत अन्य खुफिया संस्थानों की पुलिस के साथ ‘फेक करेंसी को-ऑर्डिनेशन मीटिंग’ होगी. इसमें जाली नोटों की रोकथाम और जागरूकता पर खासतौर से चर्चा होगी. इसके लिए राज्य सरकार ने खासतौर से एक प्लान तैयार किया है. इसमें फर्जी एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) पर भी अंकुश लगाने पर चर्चा की जायेगी.
ट्रेनिंग और प्रचार पर होगा फोकस : फेक करेंसी पर रोक लगाये जाने के तहत राज्य के सभी पुलिस स्टेशन को एक बुकलेट दिया जायेगा, जिसमें जाली नोटों को पहचानने की तमाम बारीक जानकारियां होंगी. इसमें उच्च क्वालिटी वाले नकली नोट को पहचानने के बारे में खासतौर से जानकारी होगी. इसके आधार पर सभी पुलिसकर्मियों को इससे संबंधित ट्रेनिंग भी दी जायेगी. कई बार ग्रामीण इलाकों के थानों में हाइ क्वालिटी के नकली नोटों को पहचानने में पुलिसकर्मियों को काफी मुश्किल होती है. इसके अलावा प्रखंड मुख्यालय, थाना, तमाम सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों पर जाली नोटों के प्रति जागरूकता फैलाया जायेगा. लोगों को इसे पहचानने के तरीकों के बारे में बताया जायेगा.
पाकिस्तान सबसे बड़ा स्नेत : राज्य में नकली करेंसी (सिक्का और नोट) का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. पाकिस्तान नकली करेंसी के छापने का सबसे बड़ा स्नेत है. इसके अलावा अन्य पड़ोसी देशों से भी इसकी सप्लाइ राज्य में होती है. बिहार में 2013 के दौरान 29 लाख 43 हजार 177 रुपये की नकली करेंसी पकड़ी गयी. 35 मामले दर्ज हुए और 43 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. 2014 में 22 लाख 82 हजार रुपये के फेक करेंसी बरामद हुई. 19 मामले दर्ज हुए और 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामलों की संख्या में थोड़ी कमी आयी, लेकिन इस अपराध के फैलाव और बरामदगी के दौरान करेंसी की मात्र में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. यह कार्रवाई इओयू, जिला पुलिस और एटीएस तीनों ने मिल कर की है.
छप रही है हाइ क्वालिटी की करेंसी : आमतौर पर नकली नोट और असली नोट में करीब 12 तरह के अंतर होते हैं. सामान्य पर नकली नोटों की छपाई एक ही कागज पर दोनों तरफ होती है. परंतु आजकल हाइ क्वालिटी वाली नकली करेंसी भी मार्केट में तेजी से देखे जा रहे हैं. ऐसे नोटों की पहचान बेहद मुश्किल होती है. ये नोट असली की तरह ही दो कागजों को पेस्ट करके बनाया जाता है. इसकी छपाई और क्वालिटी असली की तरह होती है. चमकने वाली धारी या पट्टी और वाटर मार्क जैसी खास पहचान मौजूद होती हैं.
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