शनिवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में आयोजित विशेष कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी गयी. पांच साल की यह योजना तीन चरणों में पूरी होगी. इसके लिए 611 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी जिसमें राज्य की हिस्सेदारी 61 करोड़ 30 लाख होगी. शेष रुपये केंद्र से मिलेंगे. इसके अलावा कैबिनेट में 32 प्रस्तावों को मंजूरी दी. इनमें 30 प्रस्ताव वित्तीय मामलों से संबंधित हैं, जबकि दो प्रस्ताव दो पदाधिकारियों (एक मजिस्ट्रेट और एक डॉक्टर) को बरखास्त करने से संबंधित है.
इसके अलावा सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पंचम राज्य वित्त अयोग का कार्यकाल दिसंबर 2015 तक बढ़ा दिया है. वाटरशेड मैनेजमेंट प्रोग्राम गया, नवादा, जमुई, मुंगेर, बांका, कैमूर, रोहतास, भभुआ, पटना, नालंदा, लखीसराय, शेखपुरा, जहानाबाद और अरवल में चलाया जायेगा. पहले चरण में इन जिलों के सभी गांवों में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. इन्हें पानी और मिट्टी के बचाव के उपाय बताये जायेंगे. लोगों को तालाब, पोखर और बांध की जरूरतें और इन्हें बनाने के तरीके बताये जायेंगे. किसानों को समेकित फार्मिग के गुर सिखाये जायेंगे. इसके लिए उद्यान, वानिकी और मूल कृषि के तहत फसलों को एकीकृत करके रोपने और इनके रख-रखाव के बारे में बताया जायेगा. इस कार्यक्रम की डीपीआर तैयार की जायेगी.