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धान खरीद में गड़बड़ी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
विधान परिषद पटना : विधान परिषद का पहला सत्र करीब 20 मिनट चलने के बाद ही हंगामे की भेंट चढ़ गया. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इसे दोपहर भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया. निर्धारित समय पर जैसे ही परिषद की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा के बैद्यनाथ प्रसाद ने धान खरीद मामले पर कार्य […]
विधान परिषद
पटना : विधान परिषद का पहला सत्र करीब 20 मिनट चलने के बाद ही हंगामे की भेंट चढ़ गया. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इसे दोपहर भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया. निर्धारित समय पर जैसे ही परिषद की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा के बैद्यनाथ प्रसाद ने धान खरीद मामले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाते हुए सरकार से इस पर विचार-विमर्श करने की मांग की. इसके बाद भाजपा के सभी सदस्य वेल में पहुंच गये और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे.
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 30 लाख मीटरिक टन धान खरीद का लक्ष्य सरकार ने रखा था, लेकिन महज 13 लाख मीटरिक टन ही धान की खरीद हो पायी है. उन्होंने परिषद की कार्यवाही स्थगित कर सरकार से इसका जबाव देने की मांग की. सत्ता पक्ष की तरफ से प्रवक्ता संजय सिंह समेत अन्य भाजपा पर परिषद नहीं चलने देने का आरोप लगाते हुए विरोध करने लगे. दोनों तरफ से हंगामे के बीच परिषद स्थगित कर दिया गया.
नीतीश कुमार नैतिकता की नहीं दें दुहाई: मोदी
राज्यपाल के अभिभाषण पर विधान परिषद में सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार नैतिकता की दुहाई नहीं दें. नीतीश कुमार ने अपने इस्तीफा के वक्त कहा था कि वे जब जनता जनादेश देगी तब वापस लौटूंगा. यह सही है कि सीएम बनकर सरकार चलाने का जनादेश मिला था, पर क्या वह जनादेश राजद-कांग्रेस के साथ चलाने का था? उन्होंने कहा नीतीश कुमार के रास्ते का एक कांटा जीतन राम मांझी साफ हो गया. मोदी ने कहा कि आपने नरेंद्र मोदी को भोज पर आमंत्रण रद्द किया. आप लालू और कांग्रेस के साथ हो गये. इसके लिए आपको जनता का जनादेश नहीं मिला था. यदि मेरे बयान पर आपने मांझी को हटाया तो हमारे ही बयान पर आप भी मुख्यमंत्री पद से हट जाइए. मोदी ने कहा कि यह ठीक है कि आप बिहार में ठीक काम कर रहे थे. पर यह काम 2005 और 2010 में दस साल भाजपा के समर्थन देने के कारण ही था.
इसके लिए आपको सुशील कुमार मोदी और नंद किशोर यादव ऐसा सहयोगी मिला था. अब ऐसा सहयोगी नहीं मिलेगा.
14 वें वित्त आयोग से बिहार को लाभ मिलने की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि अब बिहार को अगले पांच साल में 23994 करोड़ रुपये मिलेगा. पंचायती राज संस्था को अब चार गुणा अधिक धन मिलेगा. राज्यों को पहली वार केंद्रीय करों में 32 से बढ़कार 42 प्रतिशत धन मिलने की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि बिहार को अब नया चेहरा चाहिए.
बिहार को अब लड़ने वाली नहीं केंद्र से मिलकर काम करने वाली सरकार चाहिए. उन्होंेने कहा कि बिहार को विजेंद्र बाबू से ही ऐसा बजट पेश करवाना था तो 17 दिन समय क्यों लिया? मोदी ने कहा कि मांझी ने तो सात दिन में विश्वास मत प्राप्त किया था. आप 17 दिन क्यों लिये. राबी देवी ने तो तीन दिन में ही विश्वास प्राप्त किया था. उन्होंने कहा कि पहली वार देखा कि नीतीश कुमार ने सौ लोगों के बीच शपथ लिया. उन्हें गांधी मैदान में शपथ लेना चाहिए थे.मोदी ने कहा था कि पहली बार देखा कि मुख्यमंत्री शपथ ले रहा हो और सचिवालय के आसपास एक भी आदमी स्वागत के लिए नहीं आया हो. राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध करते हुए कहा कि नीतीश कुमार का बजट 10 साल में सबसे नीरस और दिशाहीन बजट है.
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