पटना. पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि बजट भाषण से यह स्थापित हुआ है कि बिहार में विकास की चुनौती बहुत बड़ी है. यहां गरीबी बहुत है और वह लगातार बनी हुई है. बजट से गरीबी खत्म करने, रोजगार, जीवन यापन के साधनों का सृजन आर्थिक आधारभूत ढांचे का निर्माण आदि से संबंधित कोई स्पष्ट संकल्प प्रदर्शित नहीं हो रहा है. औद्योगिक नीति के बावजूद राज्य के विभिन्न जिले में पिछले दस वर्षों से औद्योगिकीकरण की रफ्तार सुस्त है. राज्य सरकार ने स्थानीय उद्यमियों को 1990 से 2005 व 2005 से 2014 तक मदद नहीं दी है. 2005 तक 25 हजार इकाइयां व उसके बाद 15 हजार इकाइयां बंद हुई हैं. राज्य सरकार ने उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए जो नयी औद्योगिक नीति लागू की उसमें बिजली की कमी बड़ी बाधा बनी रही. वर्तमान वित्तीय वर्ष अनुसूचित जातियों के लिए राज्य योजना बजट में 3140 करोड़ मिलना चाहिए था, लेकिन बजट में केवल 232.9 करोड़ रुपये ही आवंटित किये गये हैं. बाजार मूल्य पर जमीन देने की नीति सरकार ने बनायी है, परंतु बजट में वित्तीय प्रावधान नहीं किया गया है. सरकारी सेवा में 15 फीसदी महिलाओं को आरक्षित करने का उल्लेख बजट में नहीं किया जाना दुखद है. मदरसों में आधुनिक शिक्षा पर जोड़ देने के लिए कम्प्यूटरीकरण का व्यवस्था बजट में नहीं किया गया है. बिहार पत्रकार पेंशन योजना के लिए भी धन का उपलब्ध नहीं किया गया है.
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बजट भाषण में विकास से संबंधित स्पष्ट संकल्प प्रदर्शित नहीं : डा. जगन्नाथ मिश्र
पटना. पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि बजट भाषण से यह स्थापित हुआ है कि बिहार में विकास की चुनौती बहुत बड़ी है. यहां गरीबी बहुत है और वह लगातार बनी हुई है. बजट से गरीबी खत्म करने, रोजगार, जीवन यापन के साधनों का सृजन आर्थिक आधारभूत ढांचे का निर्माण आदि से संबंधित […]
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