– जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने की अपीलपटना. कुपोषण एक बड़ी समस्या है और इसे भगाने का एक प्रभावी केंद्र आंगनबाड़ी भी है. यह ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंदों को पोषण प्रदान करने में प्रभावी योगदान देता है. हालांकि इसकी कमियां भी काफी है. अच्छे व्यक्ति का केंद्र संचालन के लिए चुनाव नहीं हो पाता है. साथ ही निर्माण के लिए जमीन भी नहीं मिलती, कोई पहल भी नहीं करना चाहता है. इस तरह की कई दिक्कतें है. ये बातें जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गोपाल प्रसाद केसरी ने कही. वे स्काडा बिजनेस सेंटर में समेकित बाल विकास परियोजना के क्रियान्वयन के लिए समुदाय की भूमिका पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे. बिहार फोर्सेस के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने आगे आंगनबाड़ी पर संचालित कार्यक्रमों के बारे विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एक आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण के लिए 4 डिसमिल जमीन की आवश्यकता होती है. अगर आपके क्षेत्र में कोई ऐसी जमीन खाली हो, तो उसको अंचलाधिकारी द्वारा अनापत्ति जारी करवा कर आइसीडीएस को जमा करें. वरीय कार्यक्रम प्रबंधक निदान रजनीश सिंह द्वारा आंगनबाड़ी पर भागलपुर, समस्तीपुर, पटना द्वारा किये जा रहे नये-नये प्रयोग के बारे में जानकारी दी. वहीं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नंद किशोर उपाध्याय ने अनाथ बच्चों के लिए परवरिश कार्यक्रम के बारे मे विस्तार से बताया. कार्यक्रम का संचालन संजय कुमार ने किया.
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आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन करें दान
– जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने की अपीलपटना. कुपोषण एक बड़ी समस्या है और इसे भगाने का एक प्रभावी केंद्र आंगनबाड़ी भी है. यह ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंदों को पोषण प्रदान करने में प्रभावी योगदान देता है. हालांकि इसकी कमियां भी काफी है. अच्छे व्यक्ति का केंद्र संचालन के लिए चुनाव नहीं हो पाता […]
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