जदयू ने जिस तरह से प्रधानमंत्री को निशाना बनाया है, उससे भाजपा के केंद्रीय नेताओं में बेचैनी है. भाजपा ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाह रही है, जिससे जदयू को यह कहने का मौका मिले कि वह पहले से ही इसकी आशंका जता रहे थे. भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा यह कहना कि वह छह महीने विपक्ष में बैठने को तैयार हंै, यह साफ जाहिर करता है कि भाजपा मांझी को समर्थन देने के मूड में नहीं है.
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मांझी सरकार को नहीं मिलेगा भाजपा का समर्थन!
नयी दिल्ली: जीतन राम मांझी सरकार को विधानसभा में विश्वासमत के दौरान समर्थन नहीं दिये जाने पर भाजपा में लगभग सहमति बन चुकी है. पार्टी के केंद्रीय स्तर पर यह निर्णय ले लिये जाने की भी बात बतायी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस […]
नयी दिल्ली: जीतन राम मांझी सरकार को विधानसभा में विश्वासमत के दौरान समर्थन नहीं दिये जाने पर भाजपा में लगभग सहमति बन चुकी है. पार्टी के केंद्रीय स्तर पर यह निर्णय ले लिये जाने की भी बात बतायी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस पर अपनी सहमति जता दी है. हालांकि, भाजपा मांझी को समर्थन देने और न देने के मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर अपना पत्ता समय आने पर ही खोलेगी.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा नीतीश कुमार के सीएम न बनने का ठीकरा अपने माथे नहीं फोड़वाना चाहती है. भाजपा को यह भय है कि यदि ऐसा हो गया, तो नीतीश कुमार शहीद बन जायेंगे और जनता की सहानुभूति नीतीश कुमार के साथ चली जायेगी, जबकि खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ेगा. चूंकि विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ छह महीने बाकी हैं, इसलिए भाजपा चुनाव से ठीक पहले मांझी को बचा कर उसका ठीकरा अपने ऊपर नहीं लेना चाह रही है. इसके अलावा भाजपा यह मान रही है कि समर्थन देने के बाद भी मांझी सरकार नहीं चला सकते हैं.
भाजपा पूरे घटनाक्रम को जदयू बनाम जदयू की लड़ाई बनाने की कोशिश में है, जिससे इसका सीधा लाभ उसे मिले, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी यह मान रहे हैं कि राज्य में जीतन राम मांझी दलितों के बीच एक आइकन के रूप में उभर कर सामने आये हैं. चूंकि महादलित खुल कर नीतीश कुमार का समर्थन करते रहे हैं. लेकिन, मांझी के सीएम पद से हटने के बाद महादलित नीतीश कुमार का विरोध कर सकते हैं और उसका लाभ भाजपा को मिल सकता है.
इन कारणों से भाजपा का समर्थन नहीं
1 मांझी जिस तरह से जदयू विधायकों के टूट कर अपने पाले में आने की बात कही थी, वैसा कुछ भी नहीं दिख रहा है.
2 भाजपा का मानना है कि नीतीश कुमार को जितना नुकसान पहुंचना था, उतना नुकसान मांझी पहुंचा चुके हैं.
3 नीतीश के सीएम न बनने का ठीकरा भाजपा अपने माथे नहीं फोड़वाना चाहती
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