संवाददाता,पटना नीतीश कुमार जनाधारविहीन नेता हैं. वह बिहार के लिए बुरे सपने का प्रतीक बन गये हैं. आज उनका कोई वजूद नहीं है. उक्त बातें रविवार को भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री पद पर रहते नीतीश कुमार को फर्जी तरीके से विधायक दल का नेता चुना जाना न केवल महादलित का अपमान है, बल्कि उनके स्वाभिमान और अस्मिता पर भी हमला है. नीतीश कुमार के महादलितों के प्रति चल रहे नाटक का परदाफाश हो गया है. वह जीतन राम मांझी को मुखौटा के रूप में इस्तेमाल करना चाहते थे. अतिपिछड़ा वर्ग उन्हें पहले ही धोखेबाज और मौकापरस्त मान चुका है. इस घटना के बाद उनकी असलीयत सामने आ गयी है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी की प्राथमिकता में पहले से ही दलित और अति पिछड़े रहे हैं. यही वजह है कि नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री के पद पर हैं. कई अवसर पर पार्टी ने संवैधानिक पद पर दलित और अति पिछड़ों को जगह दी है. समय आ गया है भाजपा बिहार में अति पिछड़ों और दलितों को मुख्य धारा से जोड़ने का अभियान चलाये. मेरा ‘समाज जोड़ो अभियान’ इसी का हिस्सा है.
बुरे सपने का प्रतीक बन गये हैं नीतीश : गोपाल नारायण सिंह
संवाददाता,पटना नीतीश कुमार जनाधारविहीन नेता हैं. वह बिहार के लिए बुरे सपने का प्रतीक बन गये हैं. आज उनका कोई वजूद नहीं है. उक्त बातें रविवार को भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री पद पर रहते नीतीश कुमार को फर्जी तरीके से विधायक […]
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