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कर्म ही सबसे बड़ा धर्म : मांझी-सं

मुख्यमंत्री ने कहा, पूजा का मतलब चंदन-टीका लगाना नहीं, बल्कि समर्पण संवाददाता, पटनामुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कर्म ही सबसे बड़ा धर्म है. हमें जाति की भावना छोड़ कर्म पर ध्यान देना चाहिए. जो अपने काम के प्रति ईमानदार है, वह उच्च जाति का है. मंगलवार को महावीर मंदिर द्वारा आयोजित संत रविदास […]

मुख्यमंत्री ने कहा, पूजा का मतलब चंदन-टीका लगाना नहीं, बल्कि समर्पण संवाददाता, पटनामुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कर्म ही सबसे बड़ा धर्म है. हमें जाति की भावना छोड़ कर्म पर ध्यान देना चाहिए. जो अपने काम के प्रति ईमानदार है, वह उच्च जाति का है. मंगलवार को महावीर मंदिर द्वारा आयोजित संत रविदास जयंती समारोह में उन्होंने कहा कि मंदिरों में पुजारियों की संख्या काफी बढ़ गयी है. हम उनसे कहना चाहते हैं कि पूजा का मतलब चंदन-टीका लगाना नहीं है, बल्कि समर्पण और अर्पण है. मुख्यमंत्री ने कहा, हम धर्म करने जाते हैं और इसके लिए दूसरों को दुख देते है. यह धर्म नहीं है. किसी भी तरह से किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए. अपने हित के लिए हम लोग झूठ बोलते हैं. हमें संत रविदास की बातों पर अमल करना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री राम सुंदर दास ने कहा कि संत रविदास ने समाज को जो रास्ता दिखाया, उसे हमें अपनाना चाहिए. श्री महावीर स्थान न्यास समिति के अध्यक्ष किशोर कुणाल ने कहा कि माघ पूर्णिमा के दिन हर साल रविदास जयंती मनायी जाती है. उत्तर भारत का यह पहला मंदिर है, जहां संत रविदास की मूर्ति स्थापित है. इस मौके पर संत रविदास जयंती संघ की ओर से शोभायात्रा भी निकाली गयी, जिसे मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखायी. शोभायात्रा मंदिर परिसर से निकल कर फ्रेजर रोड, गांधी मैदान, एक्जिबिशन रोड, स्टेशन रोड होते हुए चिरैयाटांड़ पुल के पास खत्म हुई.

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