न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और नवनीति प्रसाद सिंह कुलदीप नारायण की याचिका खारिज करने के पक्ष में मत दिया, जबकि न्यायाधीश वीएन सिन्हा ने कुलदीप नारायण के पक्ष में अपना मत दिया. कोर्ट के इस फैसले से नगर आयुक्त पर एक बार फिर निलंबन की तलवार लटक गयी है. खंडपीठ ने तीन सदस्यीय बेंच बनाये जाने को भी सही करार दिया है. खंडपीठ ने कहा कि अब नरेंद्र मिश्र की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ही करेगी.
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पटना नगर आयुक्त का निलंबन उचित
पटना: पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब पटना हाइकोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने उनके निलंबन के खिलाफ अपील याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी, नवनीति प्रसाद सिंह और वीएन सिन्हा की खंडपीठ ने कुलदीप नारायण की निलंबन संबंधी याचिका पर अपना फैसला सुनाया. […]
पटना: पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब पटना हाइकोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने उनके निलंबन के खिलाफ अपील याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी, नवनीति प्रसाद सिंह और वीएन सिन्हा की खंडपीठ ने कुलदीप नारायण की निलंबन संबंधी याचिका पर अपना फैसला सुनाया. फैसले को लेकर तीनों न्यायाधीश एकमत नहीं रहे.
क्या है मामला
राज्य सरकार ने निगम आयुक्त कुलदीप नारायण को 12 दिसंबर, 2014 को सरकारी काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया था. इसके खिलाफ कुलदीप ने अपील की थी. इस पर न्यायाधीश वीएन सिन्हा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रोक लगा दी थी. जबकि उसी दिन पहले तत्कालीन कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने दूसरे खंडपीठ को निलंबन संबंधी मामले की सुनवाई से मना किया था. विवाद होने पर तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ गठित की गयी. इधर, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आदेश के बावजूद सरकार की ओर से कुलदीप नारायण को निलंबन मुक्त करने संबंधी आदेश जारी नहीं हो पाया है.
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