सकुशल बरामद चाहते हो, तो फलां जगह पर फिरौती दो. पिछले दिनों इसी तरह के कई फोन गुमशुदा बच्चों के परिजनों के पास आये हैं. लेकिन जब परिजन फोन करनेवालों को बच्चे से बात कराने को कहते हैं, तो वे पीछे हट जाते हैं. एसएसपी जितेंद्र राणा से कई लोगों ने इस तरह की शिकायतें की हैं. परिजनों ने कहा कि अज्ञात लोगों ने फोन कर बच्चे के अपने पास होने की जानकारी दी है. हालांकि एसएसपी ने उन लोगों को समझाया कि उन्हें जालसाज फोन कर रहे हैं, इसलिए वे सतर्क रहें और किसी को भी पैसा न दें.
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गायब बच्चे के नाम पर जालसाज गिरोह ऐंठ रहे पैसे, गुमशुदगी पर जालसाजी
पटना: शहर में कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो गुम हुए बच्चों को सकुशल सौंपने के नाम पर परिजनों से पैसा ऐंठने के काम में लगे हुए हैं. जैसे ही कोई बच्च गायब होता है और उसके परिजन ढूंढ़ने के लिए बच्चे की तसवीर व अपना फोन नंबर जगह-जगह देता है, वैसे ही ये गिरोह […]
पटना: शहर में कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो गुम हुए बच्चों को सकुशल सौंपने के नाम पर परिजनों से पैसा ऐंठने के काम में लगे हुए हैं. जैसे ही कोई बच्च गायब होता है और उसके परिजन ढूंढ़ने के लिए बच्चे की तसवीर व अपना फोन नंबर जगह-जगह देता है, वैसे ही ये गिरोह एक्टिव हो जाते हैं. जालसाज परिजनों के मोबाइल नंबर पर कॉल कर जानकारी देता है कि गुमशुदा बच्च उनके कब्जे में है.
पहले चिरैयाटांड, फिर मीठापुर बुलाया
जहानाबाद धोबी गोडसर इलाके से सुग्गीचंद्र दास का बेटा मुन्नु कुमार एक दिसंबर, 2014 को गायब हो गया. श्री दास को अज्ञात लोगों ने फोन किया और बताया कि बच्च उन लोगों के पास है. उसे सकुशल सौंपने के लिए पांच लाख की फिरौती मांगी गयी. खुद को अपहर्ता बतानेवाले ने सुग्गीचंद्र दास को पहले चिरैयाटांड़ पुल पर पैसा देने के लिए बुलाया और फिर मीठापुर में पैसा लेकर आने को कहा. इस दौरान उन लोगों ने मुन्नु की उसके पिता से बात नहीं करायी गयी. श्री दास दोनों ही जगहों पर पहुंचे, लेकिन बच्च को लेकर कोई नहीं पहुंचा.
1000 डलवा लिया खाते में
बुद्धा कॉलोनी थाने के उत्तरी मंदिरी इलाके में रहने वाले जीतेंद्र सिंह की छह वर्ष की बेटी ज्योति उर्फ गुड़िया वर्ष 2012 के जुलाई माह में घर के समीप से ही गायब हो गयी. ढ़ाई साल बाद भी उसे बरामद करने में पुलिस असफल रही. इसी बीच जालसाजों ने उन्हें फोन कर बच्ची के अपने पास होने की जानकारी दी और उसे सकुशल पहुंचाने के नाम पर एक हजार की मांग की. एकाउंट नंबर भी दिया. जीतेंद्र सिंह ने उस एकाउंट नंबर पर एक हजार डाल दिया. इसके बाद जालसाजों का दोबारा न तो फोन आया और न ही बच्ची के संबंध में कोई जानकारी मिली.
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