पटना. सरिता-महेश स्मृति आयोजन समिति द्वारा गांधी संग्रहालय में शनिवार को शहीद सरिता व महेश की स्मृति में व्याख्यान का आयोजन किया गया. व्याख्यान का विषय ‘ संघर्ष और वैकल्पिक समाज ‘ रखा गया. इसमें सरिता और महेश द्वारा गांवों में किये गये परिवर्तनगामी सामुदायिक प्रयोगों पर आधारित वृत्तचित्र दिखाया गया. इसके बाद उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. एसोसिएशन के क्षेत्रीय प्रबंधक विनय ओहदेदार ने कहा कि परिवर्तन को लेकर अपनाएं जानेवाले वैकल्पिक माध्यमों को लेकर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है. उपन्यासकार व्यास जी ने कहा कि सहयोग के बिना किसी परिवर्तन की बात नहीं सोची जा सकती है. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की प्राध्यापक शमीम मोदी ने कहा कि समाज पर बाजारवाद का प्रभाव बुरी तरह से हावी है. ऐसे में संघर्षशील लोगों को एकजुट होना होगा. मौके पर कवि आलोक धन्वा, हसन इमाम, पुष्पराज समेत कई उपस्थित थे.
परिवर्तनकारी विचारों से ही बदलेगी समाज की दशा
पटना. सरिता-महेश स्मृति आयोजन समिति द्वारा गांधी संग्रहालय में शनिवार को शहीद सरिता व महेश की स्मृति में व्याख्यान का आयोजन किया गया. व्याख्यान का विषय ‘ संघर्ष और वैकल्पिक समाज ‘ रखा गया. इसमें सरिता और महेश द्वारा गांवों में किये गये परिवर्तनगामी सामुदायिक प्रयोगों पर आधारित वृत्तचित्र दिखाया गया. इसके बाद उनकी प्रतिमा […]
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