-स्वध्याय मिशन के तत्वावधान में भारतीय शिक्षण प्रणाली में अत्यावश्यक सुधार पर आयोजित हुआ सेमिनार संवाददाता, पटना वैज्ञानिक और व्यावहारिक शिक्षा चरित्र निर्माण में महती भूमिका अदा कर सकता है. इसके लिए शिक्षण संस्थानों के साथ अभिभावकों को भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा. शिक्षण कार्य वन वे ट्रैफिक की तरह नहीं होकर इंटरैक्टिव होना चाहिए. शिक्षकों को छात्रों के सवालों का सीधे जवाब देने के बजाये उन्हें उन प्रश्नों पर खुद से सोचने के लिए प्रेरित करना चाहिए. ये बातें बिहार के पूर्र्व डीजीपी अभयानंद ने स्वध्याय मिशन के तत्वावधान में भारतीय शिक्षण प्रणाली में अत्यावश्यक सुधार पर आयोजित सेमिनार के उद्घाटन के बाद कही. मुख्य अतिथि पूर्व आइएएस राम उपदेश सिंह ने कहा कि शिक्षा में मौलिकता का समावेश कर समाज में व्याप्त अव्यवस्था का सामना किया जा सकता है. नई पीढ़ी को समाज के प्रति जवाबदेह और संवेदनशील बनाना समय की मांग है. समाज में व्याप्त नकारात्मक विचारों को शैक्षणिक सुधारों के जरिये दूर किया जा सकता है. विशिष्ट वक्ता डा उपेंद्र नाथ पांडे ने स्वध्याय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह छात्र जीवन की सफलता के मूल मंत्र हैं बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में शिखर तक पहुंचने में इसका योगदान अमूल्य है. प्रोजेक्ट संजीवनी के संस्थापक संजीव मिश्रा ने कहा कि वर्तमान शिक्षा में गुणात्मक बदलाव के जरिये बच्चों के अंदर छिपी बहुमुखी प्रतिभाओं को निखारा जा सके. मौके पर पूर्र्व आइएएस श्याम जी सहाय ने कहा कि खामियों को दूर करने के लिए समेकित प्रयास की आवश्यक्ता है. सत्र का समापन मिशन के केएन पांडे ने किया.
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व्यवहारिक शिक्षा की चरित्र निर्माण में अहम भूमिका: अभयानंद
-स्वध्याय मिशन के तत्वावधान में भारतीय शिक्षण प्रणाली में अत्यावश्यक सुधार पर आयोजित हुआ सेमिनार संवाददाता, पटना वैज्ञानिक और व्यावहारिक शिक्षा चरित्र निर्माण में महती भूमिका अदा कर सकता है. इसके लिए शिक्षण संस्थानों के साथ अभिभावकों को भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा. शिक्षण कार्य वन वे ट्रैफिक की तरह नहीं होकर इंटरैक्टिव […]
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