मृतकों में एक महिला व एक कांस्टेबल, महिला ही बम लेकर पहुंची थी कोर्ट
ब्लास्ट के दौरान दो कुख्यात कैदी लंबू शर्मा व अजीत उपाध्याय फरार
आरा/पटना : आरा सिविल कोर्ट परिसर शुक्रवार को बम धमाके से दहल उठा. ब्लास्ट में दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि 18 अन्य घायल हो गये. इनमें तीन की हालत गंभीर है.
उन्हें पीएमसीएच भरती कराया गया है. मृतकों में एक महिला व एक कांस्टेबल है. पुलिस का कहना है कि कुख्यात कैदियों को भगाने के लिए महिला ही बम लेकर कोर्ट परिसर में पहुंची थी, जो ब्लास्ट के दौरान मारी गयी. इस दौरान दो कुख्यात कैदी लंबू शर्मा व अजित उपाध्याय फरार हो गये. लंबू 2009 में भी यहां कोर्ट परिसर में हुए ब्लास्ट में फरार हो गया था.
ब्लास्ट के बाद पूरे कोर्ट परिसर में खून के छींटे, मांस के लोथड़े और जूता-चप्पल बिखरे पड़े थे. सूचना मिलते ही डीएम, एसपी, आइजी एके आंबेडकर और डीआइजी उमाशंकर सुधांशु ने घटनास्थल पर पहुंच मुआयना किया और कई निर्देश जारी किये.
वहीं, बम निरोधक स्क्वायड, एफएसएल, एटीएस व एनआइए की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंचीं. घटनास्थल से पुलिस ने ऑन रिमोट और दो संदिग्ध थैलों को जब्त किया है, जिसमें बम होने की आशंका है. ब्लास्टवाली जगह की घेराबंदी कर दी गयी है. घटना के बाद पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया.
सुबह स्थानीय जेल से कैदियों को एक वैन से अदालत में पेशी के लिए लाया गया. करीब 11:25 बजे बम लेकर आयी महिला जैसे ही कोर्ट परिसर की हाजत के पास खड़े उस वैन के पास पहुंची, वैसे ही बम ब्लास्ट हो गया. इसमें संदिग्ध महिला के चीथड़े उड़ गये. वहीं, सुरक्षा में खड़े कांस्टेबल अमित कुमार मौआर समेत 19 लोग घायल हो गये.
बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में कांस्टेबल अमित कुमार मौआर की मौत हो गयी. वह भोजपुर के शाहपुर थाने के गउडाढ़ के निवासी थे.घायलों में तीन अधिवक्ता व तीन पुलिसकर्मी शामिल हैं. विस्फोट के बाद पूरे कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गयी, जिसका फायदा उठाते हुए सजायाफ्ता लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय फरार हो गये. बाद में डीएम पंकज कुमार पाल और एसपी अख्तर हुसैन ने प्रेस वार्ता कर बताया कि प्रथमदृष्टया लगता है कि लंबू शर्मा को भगाने के लिए यह बम ब्लास्ट किया था. दोनों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है.
घटना के बाद कोर्ट परिसर को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है. धमाके में कम तीव्रतावाले देसी बम का इस्तेमाल किया गया है, उसकी भी जांच की जा रही है. एसपी ने कहा कि मृतक कांस्टेबल के परिवार को मुआवजा दिया जायेगा. वहीं, घायलों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने माना कि सुरक्षा में चूक हुई है. कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जायेगा.
पीएमसीएच की इमरजेंसी में तीन घायलों का चल रहा इलाज
पटना : तीन घायलों का इलाज पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में चल रहा है. इनमें एक 50 वर्षीय महिला लालमुनि देवी की हालत गंभीर है, जबकि 18 वर्षीय एक युवक शत्रुघ्न साव और 16 साल की बच्ची पूनम कुमारी की हालत अपेक्षाकृत बेहतर बतायी जा रही है.
पीएमसीएच के उपाधीक्षक सुधांशु सिंह ने बताया कि तीनों में लालमुनि देवी की हालत अधिक गंभीर थी.
शॉक में होने के साथ ही उनका पल्स गड़बड़ था. भरती होने के बाद उनको ब्लड चढ़ाया गया. बीपी भी अब सामान्य है, लेकिन स्थिति पर नजर रखी जा रही है. बाकी दोनों युवक-युवती की हालत सामान्य है.
2009 में भी हुआ था ब्लास्ट लंबू हो गया था फरार
इससे पहले 10 जुलाई, 2009 को भी लंबू शर्मा को छुड़ाने के लिए इस तरह का धमाका आरा सिविल कोर्ट में किया गया था, जिसमें एक अधिवक्ता विनय तिवारी की मौत हो गयी थी.
उस दौरान भी लंबू फरार हो गया था. इसके बाद उसकी गिरफ्तारी फिर से हुई थी और वह इसी आरोप में उम्रकैद की सजा जेल में काट रहा था. जबकि अखिलेश उपाध्याय अपहरण, डकैती समेत ऐसे अन्य कई मामले में सजायाफ्ता है.
मृतक : 1. महिला (पहचान नहीं) 2. कांस्टेबल अमित कुमार मौआर (गउडाढ़, थाना शाहपुर, भोजपुर)
घायल
राकेश राम, शंभु राम, शशिकांत राम, मुकेश राम (लबना गाव, थाना सिकरहट्टा), शंभु चौधरी (मानिकपुर गांव, थाना चरपोखरी), राम दयाल पासवान (पैगा गांव, थाना बड़हरा), पूनम कुमारी (सेमरा गांव), अधिवक्ता सुनील कुमार (गांधीनगर कतीरा), गोरख सिंह (बाबू बाजार), हवलदार शिवजी प्रसाद, कांस्टेबल द्वारिका पाठक, शत्रुघ्न( नेकनामटोला) व अन्य