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महादलित ही क्यों, अति पिछड़ा क्यों नहीं हो सीएम : भीम

पटना. जदयू के राष्ट्रीय महामंत्री और मांझी सरकार में वरिष्ठ मंत्री डॉ भीम सिंह ने गुरुवार को कहा कि समाज में सिर्फ महादलित ही नहीं हैं, अति पिछड़ा वर्ग भी है. अति पिछड़े कहां रहेंगे? सरकार को यह सोचना होगा. वह गुरुवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ठेकेदारी में मांझी […]

पटना. जदयू के राष्ट्रीय महामंत्री और मांझी सरकार में वरिष्ठ मंत्री डॉ भीम सिंह ने गुरुवार को कहा कि समाज में सिर्फ महादलित ही नहीं हैं, अति पिछड़ा वर्ग भी है. अति पिछड़े कहां रहेंगे? सरकार को यह सोचना होगा. वह गुरुवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ठेकेदारी में मांझी सरकार ने महादलितों को आरक्षण दिया. इसमें अति पिछड़ों को भी आरक्षण देना चाहिए. यही नहीं, उन्होंने पैक्स चुनाव में एकल पदों पर भी अति पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग की.

उन्होंने इस बाबत सीएम को पत्र भी लिखा है. उन्होंने किसी का नाम लिये बिना इशारों में कहा कि महादलित को हटा कर महादलित को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा हो रही है. यानी सहबाला अब दूल्हा बनने को उतावला है. ऐसे लोगों को जान लेना चाहिए कि जदयू जातिवादी पार्टी नहीं है. नीतीश कुमार भी कहीं से जातिवादी नहीं हैं. जातिवदी होते, तो अपनी जाति के किसी नेता को सीएम बनाते. नीतीश जी ने तिनका-तिनका चुन कर आशियाना बनाया, लेकिन कुछ लोग उसमें पलीता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. यह बरदाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि मांझी जी मुख्यमंत्री हैं और आगे भी मजबूती से सीएम बने रहेंगे.

नीतीश कुमार ने महादलित को सीएम बना कर त्याग का परिचय दिया. आज मांझी सरकार को भाजपा अस्थिर करना चाहती है. ‘कुछ मित्र’ हैं, जो जाने-अंजाने कुछ कह बैठते हैं, जिससे भाजपा की राजनीति को बल मिलता है. ऐसे बयानों से मांझी जी के खिलाफ माहौल पैदा कर उनकी ऑथोरिटी को चोट पहुंचाया जा रहा है. सरकार की ऑथोरिटी को मजबूत दिखना चाहिए. बिहार में क्या सीएम बदले जायेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि शरद यादव, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार कह चुके हैं कि नेता परिवर्तन उनके एजेंडे में नहीं है. क्या नीतीश कुमार पुन: सीएम बनना चाहते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि यह सवाल हास्यास्पद है. क्या नीतीश कुमार से किसी ने इस्तीफा मांगा था? लोकसभा चुनाव में मिली पराजय पर इस्तीफा देकर उन्होंने मापदंड स्थापित किया है. इस तरह की बातें कर ‘कुछ लोग’ नीतीश कुमार की छवि को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने स्वीकार किया कि मांझी जी के खिलाफ माहौल पैदा करने से उनके द्वारा जनहित में किये गये कार्यो की सही जानकारी जनता को नहीं मिल रही. महादलितों को पांच डिसमिल जमीन, सभी वर्गो की छात्रओं को नि:शुल्क शिक्षा, कृषि डेडिकेटेड बिजली सप्लाइ आदि योजनाओं की जानकारी लोगों को नहीं मिल रही है.

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