पटना: गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों ने जेल प्रशासन पर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है. अभियुक्तों ने अदालत से गुहार लगायी है कि उन्हें संविधान में प्रदत्त अधिकार व जेल नियमावली के अनुसार सुविधाएं मुहैया करायी जाये.
इस आशय का एक आवेदन मंगलवार को अभियुक्त उमर सिद्दीकी, मो फिरोज असलम व फखरुद्दीन की ओर से उनके अधिवक्ता जफर हैदर द्वारा एनआइए के विशेष जज अनिल कुमार सिंह की अदालत में दिया गया. अदालत ने उक्त आवेदन पर एनआइए की तरफ से उत्तर देने का निर्देश दिया है.
बम ब्लास्ट मामले की सुनवाई के दौरान दिये गये आवेदन में यह अनुरोध किया गया है कि अभियुक्तों को 24 घंटे बंद व अंधेरे कोठरी में रखा जाता है. न तो उसमें हवा जाती है और न ही प्रकाश. इस भयंकर ठंड के मौसम में अभियुक्तों को आग जलाने का सामान भी मुहैया नहीं कराया जाता है.
अभियुक्तों को आतंकी कह कर पुकारा जाता है तथा एनआइए व एसआइटी के अधिकारियों द्वारा जेल के अंदर जाकर बार-बार प्रताड़ित भी किया जाता है. अभियुक्तों को वहां की कैंटीन से कोई जरूरी सामान खरीदने की अनुमति भी नहीं दी जाती है. य्आवेदन में निवेदन किया गया है कि संविधान में प्रदत्त अधिकार व जेल नियमावली के अनुसार उन्हें भी सुविधा दी जाये. मंगलवार को भी मामले के सूचक व तत्कालीन जीआरपी थाना प्रभारी रामपुकार सिंह की गवाही जारी रही. गवाही के दौरान सभी अभियुक्तों को अदालत में पेश किया गया था.