पटना: विधानमंडल का मॉनसून सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया. विधानसभा की कार्यवाही महज 15 दिन में निबट गयी. विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने अपने प्रारंभिक संबोधन में सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों से सदन के सफल संचालन में सहयोग करने की अपील की. उन्होंने कहा, आम नागरिक अपने व जनप्रतिनिधियों के अधिकारों व दायित्वों के प्रति अधिक जागरूक व सचेष्ट हो गये हैं. सदन में सत्ता पक्ष को सकारात्मक व विपक्ष को सृजनात्मक भूमिका का निर्वहन कर विधायी व संसदीय कार्यक्षमता को प्रभावी बनाना होगा. उन्होंने कहा कि बोधगया विश्व के लिए शांति का प्रतीक है. पूरी दुनिया में शांति व ज्ञान की रोशनी फैलानेवाले महाबोधि मंदिर पर हमला करनेवाले राष्ट्रद्रोही व देशद्रोही हैं. हम सभी एक स्वर से इस घटना की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को आमजनों तक पहुंचाने के लिए पहली बार वेबकास्ट सेवा प्रारंभ की गयी है.
समानांतर शोकसभा
इसके बाद विधानसभाध्यक्ष ने जैसे ही शोक प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया, विरोधी दल के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि चार और शोक प्रस्तावों को शामिल किया जाना चाहिए था. स्पीकर ने कहा–ठीक है, बाद में देख लेंगे. दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही समाप्त हो गयी. विधानसभा ने विधान पार्षद वासुदेव सिंह, पूर्व मंत्री कुमुद रंजन झा, सत्यदेव सिंह, सुखदेव यादव, शकुंतला देवी, जय नारायण मेहता, ब्रह्नादेव नारायण सिंह, रामनंदन राय, सीताराम सिंह व गौरी शंकर सरदार को एक मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी. उधर, सदन की कार्यवाही समाप्त होने पर विधानसभा पोर्टिको की बगल में भाजपा विधायकों ने अलग से शोकसभा आयोजित कर मशरक में विषाक्त भोजन से मृत 23 बच्चों, बगहा गोलीकांड में मारे गये छह आदिवासियों, उत्तराखंड में मृत श्रद्धालुओं व औरंगाबाद नक्सली हमले में शहीद हुए छह पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि सदन में इस प्रस्ताव को रखा, लेकिन उसे शामिल नहीं किया गया.
नौ विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी : बजट सत्र में विधानमंडल से पारित विधेयकों में से नौ को राज्यपाल से मंजूरी मिलने की बात विधानसभा सचिव फूल झा ने कही. जिन विधेयकों पर राज्यपाल ने सहमति दी है, उनमें बिहार विनियोग विधेयक 2013, बिहार विधेयक 2013, बिहार विनियोग विधेयक संख्या दो, भारतीय स्टांप संशोधन विधेयक 2013, बिहार हिंदू धार्मिक न्यास परिषद संशोधन विधेयक 2013, बिहार स्वावलंबी सहयोग समिति संशोधन विधेयक 2013, बिहार सहकारी सोसाइटी संशोधिन विधेयक 2013, बिहार संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा संशोधन विधेयक 2013 व आर्यभट ज्ञान विवि संशोधन विधेयक 2013 हैं.