लाइफ रिपोर्टर@पटनाये दौलत भी ले लो..,ये शोहरत भी लेलो..भले ही छिन लो..,मुझसे मेरी जवानी..,मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन.., वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी……इस गजल पर तालियों की गूंज सुनने को मिली भारतीय नृत्य कला मंदिर में, जहां शनिवार को कला संस्कृति एंव युवा विभाग और भारतीय नृत्य कला मंदिर द्वारा शनि बहार सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें युवा गजल गायक यश राज कौशल द्वारा पहली प्रस्तुति गजल से हुई, जिसमें प्रियतम अपने हाथ से आज पिलाउंगा प्याला…, चिट्ठी न कोई संदेश जाने कौन सा देश, जहां तुम चले गये…जैसे कई गजल ने बैठे श्रोताओं का दिल जीत लिया. गजल की इस महफिल हर उम्र के लोग मौजूद थे. वही दूसरी प्रस्तुति राहुल कुमार ओझा की नाटक हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे का मंचन कर के हुआ. मंच पर दिखी भ्रष्टाचारशरद जोशी के व्यंग्य पर आधारित नाटक हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे में आजादी के बाद सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक और धार्मिक जीवन में तेजी से फैल रहे भ्रष्टाचार को बखूबी दिखाया गया, जिसमें सभी भ्रष्टाचारी को नाटकीय अंदाज में रोचक तरीके से दिखाया गया. नाटक के सीन और डायलोग्स सून कर बैठे दर्शकों ने खूब ठहाके लगाये. नाटक में रास राज, अमरेंद्र कुमार, नीरज कुमार, राहुल कुमार और अशोक सिंघम ने अपने अभिनय से सभी का दिल जीत लिया.
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वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी….
लाइफ रिपोर्टर@पटनाये दौलत भी ले लो..,ये शोहरत भी लेलो..भले ही छिन लो..,मुझसे मेरी जवानी..,मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन.., वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी……इस गजल पर तालियों की गूंज सुनने को मिली भारतीय नृत्य कला मंदिर में, जहां शनिवार को कला संस्कृति एंव युवा विभाग और भारतीय नृत्य कला मंदिर द्वारा […]
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