पटना: जितनी बिजली, उतना बिल. आपूर्ति के अनुसार अगर राशि की वसूली नहीं हुई, तो संबंधित जिले में बिजली आपूर्ति में कटौती की जायेगी. ऊर्जा सचिव सह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संदीप पौण्ड्रिक ने कहा कि बिजली कंपनियां अधिक दिनों तक घाटा नहीं सह सकतीं. लगातार प्रयास के बावजूद राजस्व में वृद्धि नहीं हो रही है. हमें मजबूरन नियंत्रित कर बिजली सप्लाइ करनी होगी. कंपनी की यह नीति प्रभावी होने के बाद अधिक राजस्व वाले क्षेत्र में अधिक तथा कम राजस्व वाले जिले में कम बिजली आपूर्ति होगी.
मार्च तक 450 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य : सोमवार को विद्युत भवन में आयोजित जन शिकायत शिविर के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएमडी ने कहा कि पिछले साल इस महीने 257 करोड़ का राजस्व मिला था. इस वित्तीय वर्ष यह लक्ष्य 450 करोड़ रुपये का था, जिसके मुकाबले अब तक 208 करोड़ रुपये मासिक बिजली बिल की ही वसूली हो सकी है. राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ी है. अभियंताओं को राजस्व भी बढ़ाना होगा.
अगस्त तक सौ फीसदी घरों में मीटर : उन्होंने बताया कि अब भी कई जगहों पर औसत बिलिंग हो रही है. इसे देखते हुए पिछले छह माह में छह लाख मीटर लगाये गये. फिलहाल, 90 फीसदी परिसर में मीटर लग चुके हैं. शेष 10 फीसदी परिसर में अगस्त तक मीटर लगा दिये जायेंगे. मीटर रीडिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि पटना छोड़ बिहार में इसकी स्थिति अच्छी नहीं है. अभी 35 फीसदी घरों में ही रीडिंग हो पाती है. इसको ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में 80 फीसदी तक हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है. बिल जमा करने को काउंटर बढ़ाये गये हैं. चोरी रोकने के लिए छापेमारी की जा रही है.
फीडर स्तर पर फ्रेंचाइजी मॉडल तैयार
सीएमडी ने बताया कि शहर ही नहीं गांव और फीडर स्तर पर फ्रेंचाइजी मॉडल तैयार किया गया है. इसमें लोकल स्तर पर भी आपूर्ति से लेकर बिलिंग की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है. उन्होंने कहा कि पटना शहर में अगस्त तक फ्रेंचाइजी प्रक्रिया पूरी होने के आसार हैं. उसके बाद छोटी–मोटी दिक्कतें घटेगी और चोरी पर भी अंकुश लग सकेगा.