पटना: जिला निबंधन कार्यालय नये साल में 1995 से लेकर अब तक के तमाम दस्तावेज को ऑनलाइन करेगा. दस्तावेज की स्कैनिंग पूरी हो गयी है. वेबसाइट पर अपलोड करने का काम जारी है. जिला निबंधन कार्यालय में काफी पुराने दस्तावेज हैं, जो उचित रख रखाव के अभाव में खराब हो रहे हैं. दस्तावेजों के स्कैनिंग की प्रक्रिया लगभग चार साल से जारी है.
दिल्ली की सीबीएसएल एजेंसी (कैपिटल बिजनेस सिस्टम लिमिटेड) 2010 से डाटा इंट्री का काम कर रही है. ऑनलाइन होने से जमीन किसके नाम से है. कितनी बार बेची गयी. खरीदार कौन है? सभी जानकारी मिल सकेगी.
दो भाग में बंटा काम
निबंधन विभाग के दस्तावेज को ऑनलाइन करने का काम टास्क वन और टू के रूप में किया गया है. टास्क वन में जहां 1995 से लेकर 2005 तक, वहीं टास्क टू में 2005 से अबतक के दस्तावेजों की सूची है. पटना, दानापुर, बिक्रम, बाढ़ व मसौढ़ी इलाके के पुराने दस्तावेजों का काम भी लगभग पूरा हो गया है.
पुराने दस्तावेज की भी मिलेगी जानकारी
जिला अवर निबंधक प्रशांत कुमार ने बताया कि लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से इस काम को पूरा किया गया है. शीघ्र ही 1960 के दस्तावेजों की स्कैनिंग होगी. प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है.अनुमति मिलते ही इसका काम शुरू होगा. पटना एक मात्र ऐसा जिला है,जहां पुराने दस्तावेज को ऑनलाइन किया जा रहा है. 2005 से बिहार के सभी जिलों के दस्तावेज ऑनलाइन हैं.
क्या होगा फायदा
फर्जी रजिस्ट्री पर रोक
जमीन की पूरी जानकारी मिलेगी
खाता व प्लॉट नंबर डालते ही दिखेगा पूरा ब्योरा
समय की बचत