खिजरसराय: धर्मातरण को लेकर देश भर में मचे विवाद के बीच गया जिले में करीब 100 हिंदू लोगों के ईसाई धर्म अपनाने का मामला प्रकाश में आया है. धर्म बदलने का यह मामला बोधगया प्रखंड के अतिया व पड़रिया गांव का है. धर्मातरण करनेवाले सभी गरीब परिवारों के हैं. इधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन चौकस हो गया है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गया के डीएम से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. जांच के लिए कमेटी भी गठित होगी.
ईसाई धर्म से जुड़े लोग व उनके प्रचारक छह माह से इन परिवारों के संपर्क में थे. विभिन्न आयोजनों के जरिये इन लोगों में ईसाई धर्म के प्रति आस्था व विश्वास पैदा किया गया था. साथ ही, उन्हें आर्थिक सहायता भी दी गयी थी. सूचना के मुताबिक, गुरुवार को अतिया गांव में समारोह आयोजित कर इन लोगों को ईसाई धर्म अपनाने की शपथ दिलायी गयी.
जानकारी के अनुसार, बड़की पड़रिया गांव में भनेश मांझी व धनेश मांझी समेत चार-पांच परिवारों को भी विगत छह माह से ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था. उन्हें आर्थिक सहयोग भी देने की बात सामने आयी है.
इधर, गया जिला स्थित अपने पैतृक गांव महकार पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग स्वेच्छा से धर्मातरण करते हैं. उन्होंने जिस धर्म का त्याग किया है, उसके प्रति अनास्था का कोई कारण रहा होगा. पर, जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करानेवाले लोगों को चिह्न्ति कर कार्रवाई की जायेगी. धर्मातरण करनेवाले लोगों का नजरिया राज्य व देश के प्रति नहीं बदलना चाहिए.
योजनाओं का शिलान्यास
महकार गांव में गुरुवार को मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने 56 करोड़ 52 लाख 41 हजार की 21 योजनाओं का शिलान्यास किया. साथ ही, एक करोड़ 14 लाख रुपये से बने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व छह लाख के आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने बगहा में नाव पलटने की घटना पर शोक जताया और कहा कि पीड़ित परिवारों को अनुदान दिया जायेगा.
दंपती ने किया धर्म परिवर्तन
रानीगंज प्रखंड के बनगामा गांव के विकास व पत्नी पिंकी देवी धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन गये हैं. विकास ने बताया कि पत्नी पिंकी मानसिक रूप से बीमार रहती थी. प्रार्थना घर में यीशु मसीह के समक्ष दुख व्यक्त करने पर वह ठीक हो गयी. उन्होंने बताया कि उनके परिवार व ससुराल वालों को उनके धर्म परिवर्तन पर कोई एतराज नहीं है. दोनों परिवार के लोगों को कष्ट में रहने पर प्रार्थना करने के लिए कहा जाता है.