पटना: पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव के बॉडीगार्ड मदन यादव के साथ दुर्घटना हुई या फिर उसने जान बूझ कर गोली मार ली? इसकी तफ्तीश शुरू हो गयी है. बॉडीगार्ड की पत्नी ने अपने बयान में इसे दुर्घटना बताया है. उसका कहना है कि वह शराब के नशे में थे. रिवाल्वर लोड कर रहे थे, इस दौरान ट्रिगर दब गया और गोली लग गयी.
लेकिन अभी हवलदार मदन यादव का बयान पुलिस को नहीं मिल सका है. पीएमसीएच में उसका इलाज जारी है, वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है, पर वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं. सूत्रों के अनुसार दो गोली चली थी, जिनमें से एक छत में लगी थी.
क्या कहती है पत्नी
हवलदार की पत्नी शारदा देवी द्वारा बुद्धा कॉलोनी पुलिस को दिये गये बयान और आवेदन के मुताबिक वह रिवाल्वर में गोली लोड कर रहे थे, इसी दौरान ट्रिगर दब गया. पूरे मामले में लिखित या मौखिक तौर पर किसी प्रकार के आरोप की बात सामने नहीं आयी है, लेकिन महत्वपूर्ण पहलू यह है कि हवलदार का बयान नहीं हो सका है.
क्या कहता है बेटा
मदन के बेटे के मुताबिक जब घटना हुई, तो उस समय उसके चाचा घर पर नहीं थे. वह बाहर के कमरे में बैठ कर पढ़ाई कर रहे थे. गोली चलने की आवाज आने पर वह व मां रूम में पहुंचे, तो पापा बेड पर छटपटा रहे थे और बिस्तर खून से सना हुआ था. गोली कैसे चली, किसी ने नहीं देखा.
बंटवारे का तो नहीं है मामला
बॉडीगार्ड मदन यादव का उसके भाइयों से बंटवारे को लेकर विवाद होने की बात कही जा रही है. सूत्रों के अनुसार हवलदार मदन यादव चार भाई हैं. सभी भाई मदन के साथ पुलिस लाइन में ही रहते हैं. पुलिस के मुताबिक पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर मदन का एक भाई से हमेशा किचकिच होता रहता था. बंटवारे को लेकर मदन का कहना था कि जब तक पिता जी जिंदा हैं, तब तक वह जमीन को हम नहीं बांट सकते हैं. इसी बात को लेकर कभी-कभी तनाव हो जा रहा था. हालांकि घटना के समय कोई भी भाई घर पर नहीं था.