पटना: सोमवार को वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा, बिहार राज्य सांख्यिकी स्वयंसेवक संघ, बिहार इंटर शिक्षाकर्मी महासंघ व टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के घेराव के लिए निकले, लेकिन किसी भी संगठन को विधानसभा तक जाने नहीं दिया गया. उन्हें आर ब्लॉक पर ही रोक दिया गया.
आर ब्लॉक पर सभा के बाद संगठनों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री सचिवालय में अपनी बात रखने और ज्ञापन सौंपने के लिए गये. वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा के अध्यक्ष राम विनेश्वर सिंह और महासचिव जयनारायण सिंह मधु ने बताया कि हजारों वित्तरहित शिक्षाकर्मियों का वेतन 25 वर्षो से बकाया है. 250 संबद्ध डिग्री कॉलेजों और 508 इंटर कॉलेज में कार्यरत हजारों कर्मचारी गंभीर आर्थिक और मानसिक शोषण के शिकार हो रहे हैं. यहां तक कि 2008 और 2009 का अनुदान भी अफसरशाही के मकड़जाल में कैद है.
सांख्यिकी स्वयंसेवक संघ के मंजय कुमार ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय में मो शमीम ने मांगों पर विचार करने का भरोसा दिलाया गया है, लेकिन बिना एक्शन के हम नहीं माननेवाले हैं. बिहार इंटर शिक्षा कर्मी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विमल नारायण आर्य और महासचिव डॉ लालजी प्रसाद सिंह ने कहा कि 2010 के बाद से अनुदान नहीं दिया गया है. बकाया अनुदान की मांग को लेकर कर्मचारियों ने एक दिन का उपवास भी रखा. टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के मरकडेय पाठक और कोषाध्यक्ष रविशंकर ने मांग की कि टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को केंद्रीय तरीके से संपूर्ण नियोजन किया जाये.
सांख्यिकी स्वयंसेवक संघ
वित्तीय वर्ष 12-13 में परीक्षा पास सभी सांख्यिकी सेवकों को नियमित वेतनमान दिया जाये.
जेल भेजे गये 19 स्वयंसेवकों पर सभी केस खत्म हों.
आर ब्लॉक पर लाठीचार्ज की घटना की न्यायिक जांच हो.
टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ
केंद्रीय तरीके से संपूर्ण नियोजन किया जाये.
अप्रशिक्षित एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी मौका मिले.
वित्तरहित शिक्षाकर्मी संघ
वेतन व सेवा समंजन किया जाये.
इंटर शिक्षाकर्मी महासंघ
2011 से 14 तक का बकाया वेतन भुगतान किया जाये.
वित्तरहित इंटर और डिग्री कॉलेजों का अंगीभूतीकरण हो.