पटना: बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी के अगले वित्त वर्ष के टैरिफ प्रस्ताव पर विनियामक आयोग ने निर्णय सुरक्षित रखा है. आयोग जनवरी में टैरिफ प्रस्ताव पर निर्णय देगा.
बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी के अगले वित्त वर्ष के लिए टैरिफ प्रस्ताव पर विनियामक आयोग ने सुनवाई की. आयोग के अध्यक्ष यूएन पंजियार व सदस्य एससी झा ने सभी पक्षों को सुना. सुनवाई के दौरान विभिन्न उद्यमी संगठन से जुड़े प्रतिनिधियों ने बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी के बढ़े टैरिफ प्रस्ताव का विरोध किया. प्रतिनिधियों ने कहा कि कोयला-तेल की कीमत घट रही है.
ऐसे में टैरिफ घटना चाहिए जबकि जेनरेशन कंपनी ने टैरिफ प्रस्ताव को बढ़ा कर दिया है. प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष अपनी दलील रखी कि जेनरेशन कंपनी के टैरिफ वृद्धि प्रस्ताव पर आयोग को विचार करना चाहिए. सुनवाई में बीआइए के संजय भरतिया, बिहार चैम्बर आफॅ कॉमर्स के एस.के.पटवारी व बिहार स्टील मैन्यूफैक्चरिंग इंडिया के सुनील कनोडिया ने अपना पक्ष रखा.
बिजली कंपनियों ने कीमत बढ़ाने के लिए दिया तर्क
कंपनी ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 507 करोड़ का खर्च दिखाया है. यह खर्च बरौनी थर्मल पावर से दो यूनिट से बिजली उत्पादन सहित अन्य मद में खर्च होगा. बिजली थर्मल पावर की दो यूनिट से 110-110 मेगावाट बिजली उत्पादन होना है. थर्मल पावर की सातवीं यूनिट से अप्रैल व छठी यूनिट से जुलाई में बिजली उत्पादन होने की संभावना है. टैरिफ प्रस्ताव पर बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी की ओर से डीजीएम (वित्त) अरविंद कुमार ने आयोग के समक्ष पक्ष रखा.
उन्होंने बताया कि बरौनी थर्मल पावर काफी पुराना है. बिजली उत्पादन शुरू होने पर कुछ दिन उसे चालू रखना है. इसके लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा. ऐसी परिस्थिति में कंपनी के प्रस्ताव को अनुमति मिले. सुनवाई के बाद आयोग ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है. जानकारी के अनुसार आयोग जनवरी माह में टैरिफ प्रस्ताव पर निर्णय देगा. गुरुवार को बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के टैरिफ प्रस्ताव पर भी सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इस के दौरान डिप्टी डायरेक्टर (पर्सनल) लक्ष्मण भगत उपस्थित थे.