पटना: आइबी व एनआइए को बिहार के वैसे दर्जनों युवकों की तलाश है, जो देश में आतंकी घटनाओं के बाद लंबे समय से फरार चल रहे हैं. बेंगलुरु में एक आइटीकर्मी मेहदी मसरूर विश्वास की गिरफ्तारी के बाद आइबी और एनआइए ने एक बार फिर बिहार के इन लापता युवकों के संबंध में अपनी पड़ताल शुरू की है. खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि जिहाद के नाम पर अपने-अपने घरों से निकले बिहार के एक दर्जन युवक कहीं इराक और सीरिया में आइएसआइएस के लिए धर्म युद्ध में शामिल तो नहीं हैं.
आइबी के सूत्रों ने बताया कि बिहार के करीब एक दर्जन युवक जिनकी तलाश देश के विभिन्न राज्यों में आतंकी हमलों में रही है. मेहदी से उनके बारे में कोई जानकारी मिल सकती है. हालांकि खुफिया एजेंसियां इन लापता युवकों के परिजनों के संपर्क में है, लेकिन उनके परिजन भी यह बता पाने में सफल नहीं रहे हैं कि चार-पांच सालों से वे कहां हैं और क्या कर रहे हैं. बताया जाता है कि इन युवकों में दो गया के हैं, जबकि अन्य का संबंध उत्तरी बिहार के सीमाई जिलों से है.
खुफिया सूत्रों की मानें तो मेहदी के मोबाइल फोन से कई भारतीय युवकों का पता चला है जो इन दिनों इराक व सीरिया में रह कर आइएसआइएस के लिए काम कर रहे हैं. इन युवकों में कई आइटी के क्षेत्र में काम करने का अनुभव रखते हैं.