पटना/बाढ़: बाढ़ स्टेशन पर शुक्रवार को उस समय बड़ा हादसा टल गया, जब नयी दिल्ली से गुवाहाटी जानेवाली (12506) नॉर्थ-इस्ट एक्सप्रेस से पटना-किऊल पैसेंजर ट्रेन (3202) टकरा गयी. इसके कारण पैसेंजर ट्रेन का इंजन और बोगियां ट्रैक से उतर गयीं. हालांकि इस टक्कर में दोनों ट्रेनों में करीब चार हजार यात्रियों में से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन परिचालन करीब छह घंटे तक बाधित रहा.
आरोप है कि पैसेंजर ट्रेन के ड्राइवर ने बिना सिगनल के ट्रेन को आगे बढ़ा दिया. हादसे के बाद डीआरएम की ओर से गठित जांच टीम ने पड़ताल कर ट्रेन के ड्राइवर, लोको पायलट व लोको इंजीनियर को निलंबित कर दिया. रेलवे सूत्रों का कहना है कि हादसे के वक्त बाढ़ स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात सभी रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों की ऑन ड्यूटी रोस्टर चार्ट मांगा गया है. रोस्टर चार्ट के अनुसार अगर कोई काम करते हुए नहीं पाया गया, तो उस पर भी कार्रवाई तय है.
कैसे हुई टक्कर
मौके पर मौजूद रेलवे अधिकारियों ने जब पड़ताल की, तो पता चला कि बाढ़ स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर किऊल-पटना पैसेंजर ट्रेन खड़ी थी. उसे खोलने के लिए अभी सिगनल नहीं दिया गया था. बिना सिगनल देखे ड्राइवर ने ट्रेन खोल दी. ट्रेन कॉमन लाइन से होते हुए प्लेटफॉर्म के कट अप प्वाइंट पर पहुंच गयी. उधर सामने से आ रही नार्थ-इस्ट एक्सप्रेस की अंतिम दो बोगियों से वह रगड़ खा गयी. इससे पैसेंजर ट्रेन का बैलेंस बिगड़ गया और इंजन सहित दोनों कोच पटरी से उतर गये. वहीं, ट्रेन ड्राइवर का कहना है कि कुहासे की वजह से सिगनल नहीं दिखायी दिया और ट्रेन चला दी गयी. वहीं, जानकार सूत्रों ने बताया कि ट्रैक प्वाइंट डिस्कनेक्ट होने के कारण पैसेंजर ट्रेन का इंजन कट ऑफ प्वाइंट पर ही पटरी से नीचे उतर गयी, जिसके बाद नॉर्थ-इस्ट एक्सप्रेस के दाहिने हिस्से में टक्कर मार दी. इसके कारण पैसेंजर ट्रेन के इंजन का बाहरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.
चार हजार लोगों की बच गयी जान
अगर दोनों ट्रेनों में आमने-सामने की टक्कर हुई रहती, तो बड़ा हादसा हो सकता था. दोनों ट्रेनों में करीब चार हजार यात्री सवार थे. घटना के बाद यात्रियों में हड़कंप मच गयी. वे नीचे उतर गये. वहीं, पैसेंजर ट्रेन के यात्री ट्रेन से उतर कर भागने लगे. सूचना मिलते ही दानापुर सहित पूरे पूर्व मध्य रेल में हड़कंप मच गया. घटना के बाद डीआरएम एनके गुप्ता, रेल एसपी सहित कई अधिकारियों की भीड़ लग गयी. डीआरएम के आने के बाद रेल कर्मियों ने क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत ों जुट गये और काफी मशक्कत के बाद पैसेंजर ट्रेन के डिब्बों व इंजन को हटाया गया. हादसेके कारण करीब एक दर्जन ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा.
घटना के समय नहीं थे जिम्मेदार अधिकारी
बाढ़ स्टेशन पर आये यात्रियों ने बताया कि हादसे के समय स्टेशन पर कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था, जबकि इस स्टेशन पर स्टेशन मास्टर और एक स्टेशन प्रबंधक की तैनाती है. हादसे के कई घंटे बाद स्टेशन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. यात्रियों ने बताया कि घटना के समय पोर्टर के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी व्यवस्था को संचालित कर रहे थे. इस संबंध में डीआरएम एनके गुप्ता ने भरोसा दिलाया है कि स्थानीय स्टेशन पर तैनात अधिकारियों और कर्मियों के बारे में जांच करायी जायेगी.
चेन पुलिंग की वजह से हुई घटना : सीपीआरओ
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक ने बताया कि नार्थ-इस्ट एक्सप्रेस को बाढ़ स्टेशन से होकर गुजरना था. लेकिन, सुबह 6:55 बजे होम सिगनल पार करने के बाद चेन पुलिंग से ट्रेन धीमी हो गयी. इसी समय बाढ़ स्टेशन से लूप लाइन पर चल रही किऊल-पटना पैसेंजर ट्रेन ने स्टार्टर सिगनल को बेहद खतरनाक स्थिति किया, जिसके कारण एक ओर से ओर से नार्थ इस्ट एक्सप्रेस से टकरा गयी.
घटना की होगी जांच, दोषी पर कार्रवाई
डीआरएम, दानापुर एनके गुप्ता ने कहा कि जैसे ही मुङो जानकारी हुआ, मैं तुरंत घटनास्थल पर गया. यात्रियों और स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों से बात भी की. इसके बाद मैने टीम गठित कर इस घटना की जांच कराने का निर्देश दिया है. अगर जिस भी कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
रेल एसपी पीएम मिश्र ने कहा कि रेल पुलिस की ओर से दोषी कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. रेल पुलिस ने इस घटना में रेल कर्मियों की लापरवाही और परिचालन नियमों की अनदेखी को कारण मानते हुए प्राथमिकी दर्ज की है.