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अमरेंद्र की मौत का राज खोलेगी जेब से मिली परची

पटना: अमरेंद्र की जेब से मिली एक छोटी-सी परची उनकी मौत का राज खोल सकती है. परची के ऊपर पापा व नीचे मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. पूर्व सांसद के मुताबिक परची पर मिले नंबर को पढ़ कर पुलिस ने फोन किया था. अब अगर पुलिस परची के हैंड राइटिंग की जांच एक्सपर्ट से कराये, […]

पटना: अमरेंद्र की जेब से मिली एक छोटी-सी परची उनकी मौत का राज खोल सकती है. परची के ऊपर पापा व नीचे मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. पूर्व सांसद के मुताबिक परची पर मिले नंबर को पढ़ कर पुलिस ने फोन किया था. अब अगर पुलिस परची के हैंड राइटिंग की जांच एक्सपर्ट से कराये, तो पता चल सकता है कि अमरेंद्र ने खुद परची लिखी थी या फिर किसी ने घटना को अंजाम देने के बाद उनकी जेब में डाल दी थी.

सवाल यह है कि जब अमरेंद्र के पास मोबाइल था, उन्हें अपने पापा का नंबर भी याद था, तो फिर मोबाइल नंबर लिखने की क्या जरूरत थी. आशंका है कि उनकी हत्या की गयी और आत्महत्या साबित करने के लिए साजिश के तहत परची उनकी जेब में डाल दी गयी है. यही नहीं घटनास्थल से अमरेंद्र के मोबाइल फोन, घड़ी व चश्मा नहीं मिले हैं. इसे लेकर भी पड़ताल की जा रही है.

घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पुलिस यह मान रही है कि जो भी हुआ वह ट्रैक पर ही हुआ है. पुलिस के मुताबिक ट्रैक के आस-पास मिले खून के धब्बे आत्महत्या की तरफ इशारा करते हैं. लेकिन सवाल यह है कि आत्महत्या के लिए अगर वह ट्रेन के आगे कूदे तो लाश क्षत-विक्षत क्यों नहीं हुई. चोट की बात करें तो उनके एक पैर का पंजा कटा हुआ था और बायें हाथ की हड्डी टूटी हुई थी. चेहरे पर गंभीर चोट थी. उनकी एक आंख गायब थी. विशेषज्ञों के अनुसार ट्रेन के आगे कूदने पर इस तरह की चोट नहीं लग सकती है. ट्रेन दुर्घटना के शिकार हुए, तो उनकी जेब से मोबाइल नंबर लिखी हुई परची क्यों मिली. पूर्व सांसद ने बताया कि उनके बेटे को उनका मोबाइल नंबर याद था, वह परची क्यों लिखेगा. अगर उन्होंने ही लिखा, तो सिर्फ मोबाइल नंबर ही क्यों, सुसाइड नोट क्यों नहीं. सवाल यह है कि जब उन्होंने परची नहीं लिखी तो परची किसने लिखी. क्या कोई उनकी हत्या करके उनकी जेब में परची डाल दिया है. हालांकि पुलिस परची मिलने की बात की पुष्टि नहीं कर रही है. लेकिन सूत्रों के अनुसार हैंड राइटिंग की जांच गुप्त रूप से करायी जा रही है.

इस संबंध में रेल एसपी पीएन मिश्र ने कहा कि घटनास्थल पर चर्चा थी कि उनकी जेब से एक परची मिली है. लेकिन परची हमारे पास नहीं पहुंची है. स्टेशन पर स्थानीय लोगों ने उनकी शिनाख्त की थी, जिसके आधार पर पूर्व सांसद से संपर्क किया गया था. प्रकरण की जांच की जा रही है.

हैंड राइटिंग की हो जांच : धनराज

घटना के बाद अमरेंद्र की मां और पिता सदमे में हैं. उनके रिश्तेदार लगातार आ रहे हैं. शुक्रवार को अपने आवास पर रिश्तेदारों के बीच बैठे पूर्व सांसद ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा यह क्या हुआ. रेल एसपी से बात हुई है, उन्होंने सच्चाई उजागर करने का आश्वासन दिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेब से परची मिली थी लेकिन अब तक उसकी हैंड राइटिंग की पहचान हम लोगों से नहीं करायी गयी है. बातचीत में उन्होंने आत्महत्या की बात को लगभग खारिज किया है. हां, इसकी कड़ी जमशेदपुर से जुड़े होने की उन्होंने आशंका जाहिर की है.

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