पटना: बिना ट्रेड और इंडस्ट्री के विकास संभव नहीं है. ऐसे समय में एग्रीकल्चर कैबिनेट के तर्ज पर इंडस्ट्रीज कैबिनेट के गठन से उद्यमियों की आस बढ़ी है. शुक्रवार को बैठक भी होगी. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने चार्टर ऑफ डिमांड उद्योग विभाग को सौंप दिया है.
कई मुद्दे हैं, जिन्हें सरकार को जल्द पूरा करना चाहिए. उक्त बातें बीआइए के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने गुरुवार को बीआइए सभागार में कहीं. उन्होंने कहा कि मिड टर्म रिव्यू पिछले सात माह से लंबित है. इसे जल्द पूरा करना चाहिए. टूरिज्म व हेल्थ पॉलिसी लानी चाहिए. बिहार में लैंड बैंक बनाया जाये.
औद्योगिक नीति 2011 की मध्यावधि समीक्षा तीन साल के समय से लंबित नीति की समीक्षा को लागू करना अत्यावश्यक है. बियाडा द्वारा सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र के उद्योगों के लिए भूमि का आवंटन करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए. बीआइए के पूर्व उपाध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि बिहार के उद्योगों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. परचेज पॉलिसी लाया जाना चाहिए,जिससे स्थानीय इंडस्ट्री से माल खरीदा जा सके. बीआइए के उपाध्यक्ष निशिथ जायसवाल ने कहा कि बिहार में जमीन को छोड़ कर कोई चीज की कमी नहीं है. मौके पर महासचिव सुबोध कुमार व पूर्व उपाध्यक्ष जीपी सिंह उपस्थित थे.