पटना: मानवाधिकारों की सुरक्षा को लेकर बिहार मानवाधिकार आयोग एक नया पहल करने जा रहा है. इस पहल के तहत आयोग अब राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों में मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता और उनमें मानवीय दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से उनके लिए एक ‘कैप्सूल कोर्स तैयार कर रहा है.
छात्रों की कक्षाओं में मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए संघर्ष करनेवाले लोगों के साथ-साथ इससे संबंधित एनजीओ, विधि विशेषज्ञों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और राजनीति के क्षेत्र में काम करने वालों का लेक्चर आयोजित करायेगा, ताकि छात्रों के अंदर मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता और संवेदना दोनों विकसित की जा सके.
इसके लिए बिहार मानवाधिकार आयोग ने अपनी एक तीन सदस्यीय समिति का भी गठन कर लिया है. इस समिति में आयोग के सचिव (मुख्य सचिव स्तर के) एवी सिन्हा, पटना लॉ कॉलेज के प्राचार्य और राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक को शामिल किया है. इस कमेटी में आयोग के सचिव पदेन सदस्य होंगे और इस कमेटी का नेतृत्व करेंगे. इस कमेटी को उन छात्रों का डाटाबेस तैयार करने की जिम्मेवारी दी गयी है, जिन्हें मानवाधिकारों से संबंधित कैप्सूल कोर्स में शामिल किया जायेगा. बाद में इन्हीं छात्रों को ‘रिसोर्स पर्सन’ के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा.
कमेटी को अपने काम के लिए मानवाधिकारों के लिए काम करनेवाले लोगों के साथ-साथ विधि विशेषज्ञों, पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सहायता भी उपलब्ध करायी जायेगी, जो इस कैप्सूल कोर्स में शामिल रहेंगे. इस संबंध में आयोग द्वारा जारी सक्र्यूलर में यह भी उल्लेख किया गया है कि आयोग की यह तीन सदस्यीय कमेटी हर महीने की छह तारीख को शाम चार बजे समीक्षा बैठक का आयोजन करेगी. अगर छह तारीख को रविवार या कोई अवकाश हो तो यह बैठक उसके अगले दिन आयोजित की जायेगी. सक्यरूलर में कहा गया है कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए यह कैप्सूल कोर्स राज्य के सभी 38 जिलों में चलेगा और इसके लिए आयोग मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए फंड, मानवाधिकारों की रक्षा से संबंधित प्रकाशन सामग्री हिंदी और अंगरेजी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध करायेगी.