पटना: एनडीए से नाता टूटने के बाद भाजपा की ओर से किये जा रहे हमले का जवाब देने के लिए जदयू ने कमर कस ली है. पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर गंठबंधन के टूटने की हकीकत की जानकारी देंगे.भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों से आर-पार की लड़ाई की होगी.
सोमवार को 1, अणो मार्ग पर करीब दो घंटे तक चली पार्टी की विस्तारित बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष तक शामिल हुए. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पार्टी अध्यक्ष शरद यादव व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कार्यकर्ताओं को हर मुकाबले का चुनौती करने को कहा. मुख्यमंत्री ने गंठबंधन टूटने के कारणों को विस्तार से बताया. कहा- दो ही रास्ता बचे थे-या अपने सिद्धांतों पर कायम रहें या सिद्धांतों को छोड़ कर समझौता कर लें.
एनडीए के गठन के दौरान विवादित मुद्दों को अलग रखने पर सहमति बनी थी. इसी बात पर सभी दलों का सहयोग भी मिला था. लेकिन, भाजपा की गोवा बैठक के बाद कोई गुंजाइश ही नहीं रही. उन्होंने नेता को प्रोजेक्ट कर दिया. हम तो मना रहे थे कि ऐसी नौबत ही न आये. अघोषित तौर पर कुछ लोगों द्वारा प्रोमोट किया जा रहा था, भले ही तकनीकी तौर पर नहीं कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री कौन बनें. कोई आश्वासन भी नहीं दिया जा रहा था. इसलिए निर्णय करना पड़ा.
निर्दलीय विधायकों का समर्थन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग के पास निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. सबको मालूम है सरकार चलेगी तो यही चलेगी, नहीं तो विधानसभा चुनाव होगा. वे कह रहे हैं कि फोन पर बात कर सकते थे, नहीं की. रविवार को पहली बार कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी. मुख्यमंत्री आवास पर बुलायी गयी. जबकि हमारे ही कार्यकाल में कई बार बुलायी गयी है. केंद्र में तो प्रधानमंत्री के आवास पर ही कैबिनेट होती है. हमलोग मिल कर मेहनत करेंगे.